वो महाकवि जिसकी कविताओं के बिना कोई आंदोलन पूरा नहीं होता

“हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए तेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए” दुष्यंत Dushyant Kumar की यह पंक्तियां किसी के हृदय में भी इंकलाबी ज्वार पैदा करने के लिए काफी हैं। वो ग़ज़लकार जिसने गजलों…

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‘इमुवा’ की अमृता  

यूं तो दुनिया उन्हें पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री के रुप में जानती है, पद्मविभूषण से सम्मानित एक लेखिका, जिन्होंने 100 से ज्यादा किताबें लिखीं, जिसमें उनकी आत्मकथा ‘रसीदी टिकट’ भी शामिल है। बंटवारे के दर्द को उन्होंने शब्दों में बांधकर पाठकों के सामने कुछ ऐसे रखा कि लोगों के रोंगटे सिहर गए और शब्दों…

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अमृता प्रीतम के जन्मदिन पर उनकी कुछ खास कविताएं

अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) हिंदी उर्दू और पंजाबी की मशहूर कवियत्री लेखिका और उपन्यासकार रही है। उन्होंने 100 से ज्यादा किताबें लिखी और कई किताबों का अनुवाद भी हुआ। अमृता प्रीतम का जन्म 31 अगस्त 1919 को पाकिस्तान के गुजरावाला में हुआ। उन्हें 2005 में भारत का दूसरा सर्वोच्च पुरस्कार पद्म विभूषण से भी नवाजा…

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वो शायर जो कहता था हिंदुस्तान में सिर्फ ढाई लोगों को अंग्रेजी आती है

  “आने वाली नस्लें तुम पर रश्क करेंगी हम असरों जब भी उनको ध्यान आएगा, तुमने फ़िराक़ को देखा है” इस तरह का अपनी ही तारीफ में इतना जबरदस्त, अकड़ वाला शेर लिखने की हिमाकत करने वाले शायर थे फिराक गोरखपुरी (Firaq Gorakhpuri) जब मैंने पहली बार यह शेर पढ़ा तो मुझे यकीन नहीं हुआ…

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मारिके लुकास रिजनेवेल्ड’ को मिला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2020

अन्तर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2020( International Booker prize 2020) के विजेता का ऐलान हो चुका है । इस बार की विजेता डच ( Dutch) लेखिका 29 वर्षीय मारिके लुकास रिजनेवेल्ड( Marieke Lucas Rijneveld) हैं । उनको यह पुरस्कार उनकी पहली किताब ‘द डिस्कम्फर्ट ऑफ इवनिंग’ ( The Discomfort of Evening) के लिए मिली है । इससे…

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व्यंग्य को साहित्य में विशेष पहचान दिलाने वाले व्यंग्यकार हैं हरिशंकर परसाई

22 अगस्त 1924 को मध्यप्रदेश के जबलपुर ( Jabalpur) में जन्मे हरिशंकर परसाई (Harishankar Parsai) का कद हिंदी साहित्य में काफी बड़ा है। वह इसलिए कि उनके जैसा व्यंग्यकार (Satirist) अभी तक कोई दूसरा नहीं हुआ। 1947 में पहली बार उनके व्यंग्य प्रहरी पत्रिका में छपे थे और धीरे-धीरे वो पूरे देश में जाने जाने…

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नारीवाद को एक नई दिशा देने वाली इस्मत आपा का जन्मदिन

उर्दू साहित्य में क्रांति करने वालों के जिक्र पर दो चार नाम याद आते हैं। कहा जाता है कलम ऐसी शमशीर है जिसका दिया ज़ख्म नासूर बन जाता है। कुछ ऐसा ही ज़ख्म दिया है इस्मत चुग़ताई (Ismat Chugtai) ने ज़माने की रूढ़ियों को। इस्मत चुग़ताई का जन्म 21 अगस्त 1915 को उत्तर प्रदेश के…

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ज़िंदगी को अल्फाज़ देने वाले गुलज़ार का जन्मदिन आज

शब्दों से खेलना, विचित्र कल्पनाओं में शब्दों को बुनना और फिर उन शब्दों से कमाल की जादूगरी करना…और सबके दिलो दिमाग पर हमेशा हमेशा के लिए कब्ज़ा कर लेना…यही तो है गुलज़ार हो जाना…जो अब तक ना कोई हो पाया है और शायद ना कोई हो पाएगा। हर अहसास को अल्फाज़ देना सिर्फ गुलजार ही…

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ऑस्कर विजेता गाना ‘जय हो’ लिखने वाले गुलजार की कुछ प्रसिद्ध कविताएं

मशहूर गीतकार, पटकथा लेखक, निर्देशक और शायर गुलज़ार ना सिर्फ फिल्मी गीतों के लिए जाने जाते हैं, बल्कि शायरी की जिंदगी में भी उनका अच्छा खासा नाम है। उनकी नज़्मों और कविताओं की कई किताबें प्रकाशित हुई हैं। उनकी कई ग़ज़लें बड़े-बड़े के ग़ज़लकारों ने गाई हुई हैं। उन्होंने मिर्जा गालिब और माचिस जैसी फिल्मों…

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भारतीय शास्त्रीय संगीत के महानायक पंडित जसराज का निधन

भारतीय शास्त्रीय संगीत के रत्न पंडित जसराज अब इस संसार में नहीं रहे। अमेरिका में हॉट सिस्ट के कारण 90 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वह अपने पीछे पत्नी मधु और एक पुत्र- पुत्री का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। शास्त्रीय संगीत के मेवाती घराने से संबंध रखने वाले पंडित जी…

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वक्ता और कवि के तौर पर अटल बिहारी वाजपेई, जाने एक झलक

16 अगस्त, रविवार, आज पुण्यतिथि है प्रखर वक्ता कवि भारत रत्न और असामान्य व्यक्तित्व वाले अटल जी की। अटल जी को एक राजनेता के अलावा सबसे अधिक हम एक कवि के रूप में देखते हैं। अटल जी तीन बार देश की कमान प्रधानमंत्री के तौर पर संभाले, पर उन्हें सदैव एक विपक्षी नेता के लिए…

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