Mauni Amavasya: माघ मास के कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या कहते हैं। इसका हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर दान करने से पुण्य की प्राप्ती होती है। आपको बता दें, माघ कृष्ण अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन खासतौर पर प्रयागराज में हर साल लगने वाले माघ मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर दान करते है। माघ मेले में मौनी अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान होता है। साल 2022 में लगने वाला मौनी अमावस्या और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल मौनी अमावस्या पहली सोमवती अमावस्या है, जिस वजह से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है।
Mauni Amavasya: जानिए स्नान दान का सही समय और तिथि
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आपको बता दें, इस साल अमावस्या सोमवार को दिन में रहेगा इसलिए सोमवार और मंगलवार दोनो ही दिन लोग नदी में स्नान और फिर दान पुण्य का कार्य कर सकते हैं। मौनी अमावस्या की शुरुआत 31 जनवरी यानी सोमवार को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर होगी। और अमावस्या की समाप्ती 1 फरवरी यानी मंगलवार को होगी। मंगलवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक की मौनी अमावस्या रहेगा। लिहाजा आप स्नान दान का काम सोमवार 2 बजकर 20 मिनट से मंगलवार सुबह 11 बजकर 16 मिनट कर कसते हैं।
Mauni Amavasya: जानिएं मौनी अमावस्या की पूजा विधि
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मौनी अमावस्या पर लोग मौन व्रत धारण करके किसी भी नदी में स्नान करने के बाद दान करते हैं। स्नान और दान के बाद ही मौन व्रत को समाप्त करते हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक मौनी अमावस्या का दिन श्राद्ध और पितृ तर्पण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन नदी में स्नान करके पीपल के पेड़ में धागा लपेट कर पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। जिसके बाद गरीबों में अनाज और वस्त्रों का दान करना शुभ होता है।
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