Margashirsh Purnima Tithi: इस बार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को लेकर जातकों में असमंजस की स्थिती बनी हुई है। जिसका निवारण ज्योतिषाचार्यों ने कर दिया है। बता दें, ज्योतिष विद्या को जनने वालों के मुताबिक मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा 18 दिसंबर यानी शनिवार की सुबह 07 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 19 दिसंबर, रविवार की सुबह 10 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। चूंकी चंद्रोदय 18 दिसंबर शनिवार की शाम को हो रहा है इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत 18 दिसंबर दिन शनिवार को ही रखा जाएगा। साथ ही स्नान दान का शुभ मुहुर्त 19 दिसंबर की सुबह 10 बजकर 05 मिनट तक है।
Margashirsh Purnima Tithi: जानिएं मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि
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भगवान विष्णु की विशेष कृपा मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर व्रत और पूजा से मिलती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किसी भी पवित्र कुंड सोवर या नदी में तुलसी की जड़ की मिट्टी से स्नान करना शुभ होता है। स्नान के बाद सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए। उसके बाद ऊँ नमोः नारायण कहकर आह्वान करें और आसन, गंध, पुष्प भगवान को अर्पित करें। पूजा स्थल पर वेदी बनाएं और हवन करें।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर दान करने से दान फल 32 गुना अधिक मिलता है। यही कारण है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
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