Earthen skills shine in Diwali: दीपावली पर मिट्टी के हुनरमंदों का लखनऊ में दिखेगा जलवा

Earthen skills shine in Diwali

Earthen skills shine in Diwali: चीन (China) को मात देने के लिए इस बार तैयारी काफी तेज है। दीपावली (Deepawali) के तीन दिन पहले इस बार भी नवाबों के शहर लखनऊ (Lucknow) में मिट्टी में जान डालने वाले हुनरमंद कारीगरों (skilled craftsmen) का जलवा दिखेगा। इस दौरान प्रदेश के 150 से अधिक कारीगर अपने मिट्टी के उत्पादों (clay products) की पूरी रेंज के साथ मौजूद रहेंगे। इनमें सभी जिलों का प्रतिनिधित्व रहेगा।

Earthen skills shine in Diwali

Earthen skills shine in Diwali: इस बार दिवाली होगी स्वदेशी, खास डिजाइन की मिलेंगी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां

इस बार की दीपावली को खास और स्वदेशी बनाने के लिए इस प्रदर्शनी में लक्ष्मी-गणेश की बेहद खूबसूरत मूर्तियां, डिजाइनर दीयों के अलावा और भी बहुत कुछ उपलब्ध रहेगा। आपके नाते उन कारीगरों की भी दीपावली पिछली बार की तरह खास हो सकती है।

Earthen skills shine in Diwali: तीन दिवसीय तकनीकी सेमिनार का होगा आयोजन

प्रदर्शनी में माटीकला उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री के साथ माटीकला / पॉटरी विकास योजना के तहत टेराकोटा-पॉटरी विधा पर तीन दिवसीय तकनीकी सेमिनार भी आयोजित होंगे। इनमें शीर्ष संस्थाओं के नामचीन विशेषज्ञ दूरदराज से आए कारीगरों को उनकी विधा की तकनीकी पहलुओं की जानकारी देगें। इससे उनको अंतरराष्ट्रीय बाजार के मानकों के अनुसार प्रतियोगी दामों पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाने में मदद मिलेगी।

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इसके अतिरिक्त आत्मनिर्भर भारत मुहिम के तहत दीपावली के अवसर पर प्रदेश के हर जिले में स्थानीय प्रशासन की मदद से वहां तीन दिवसीय माटीकला अस्थायी बिक्री केंद्र लगवाकर सभी माटीकला कारीगरों को बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए कारीगरों को कोई शुल्क नहीं देना होगा।

Earthen skills shine in Diwali: पिछली दिवाली पर लखनऊ में पहली बार प्रदर्शनी हुई थी आयोजित

मालूम हो कि पिछले साल भी दीपावली के अवसर पर लखनऊ के डालीबाग स्थित खादी भवन में पहली बार इस तरह की प्रदर्शनी आयोजित की गई थी। लखनऊ के लोगों ने इनके उत्पादों को हाथों-हाथ लिया था। रही-सही कसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी कर दी थी। प्रदर्शनी के अंतिम दिन उन्होंने सभी कारीगरों को कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर बुलाया। वहां न केवल उनके हुनर की तारीफ की, बल्कि उनका बचा हुआ माल मुंहमांगे दाम पर खरीदकर उनकी दीपावली को खास बना दिया।

Earthen skills shine in Diwali: प्रदेश में पहली बार माटीकला बोर्ड का गठन

अपर मुख्य सचिव खादी नवनीत सहगल ने बताया, स्थानीय हुनर का संरक्षण और संवर्धन मुख्यमंत्री की मंशा है। एक जिला-एक उत्पाद, विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं का भी यही मकसद है। मिट्टी को जीवंत करने वाले कारीगरों को संरक्षण एवं संवर्धन देने के लिए उनकी पहल पर प्रदेश में पहली बार माटीकला बोर्ड का गठन किया गया। इसके तहत इससे जुड़े कारीगरों को ट्रेनिंग से लेकर बाजार तक कि सुविधा मुहैया कराई जा रही है। दीपावली पर आयोजित होने वाली प्रदर्शनी का भी यही उद्देश्य है।

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