पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति को लिखकर केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत रामविलास पासवान को ‘भारत रत्न’ और उनके दिल्ली आवास को स्मारक बनाने की मांग की है। मांझी ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार के महत्वपूर्ण पद पर अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनकी मृत्यु हो गई।
उन्होंने लिखा, “दिवंगत पासवान किसी परिचय के मोहताज नहीं है। समाज के हर तबके के लिए किए गए उनके कार्य अद्वितीय हैं, जो स्वत: इस बात का परिचायक है कि वे भारत के रत्न थे।”
इससे पहले पासवान के अंतिम दर्शन करने उनके एस के पुरी पटना आवास पहुंचकर मांझी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और परिजनों से मिलकर ढांढस बढ़ाया। इस दौरान मांझी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि स्वर्गीय पासवान दलितों और अभिवंचितों के लिए प्रेरणा स्रोत थे और रहेंगे।
मांझी ने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा कि आज जो भ्रम फैला है कि दलितों में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है, वो गलत है। उन्होंने कहा कि कोई भ्रम में नहीं रहे कि दलितों में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है।
उन्होंने कहा, “जगजीवन राम जिस विभाग के मंत्री रहे, उस विभाग को चमकाने का काम किया और स्वर्गीय रामविलास पासवान जी भी जिन-जिन विभाग में रहे, उसे प्रगति के उच्च पायदान पर ले जाने का काम किया जो उनकी प्रशासनिक क्षमता का परिचायक है।”
मांझी ने पासवान के दिल्ली आवास को स्मारक घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि इससे हमारी आने वाली पीढ़ी रामविलास पासवान के बारे में जानेगी और उनके कार्यों से समाज को दिशा मिलेगी।