Hathras Gangrape: बीते 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए दुष्कर्म मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। इस मामले को लेकर प्रदेश योगी सरकार और केंद्र सरकार भी सख्ती में है। प्रदेश सरकार की ओर से पीड़िता की मौत और अंतिम संस्कार को लेकर हुए बवाल के बाद ही एसआईटी को जांच के लिए तत्पर किया था। इसके बाद निष्पक्ष और मामले की गहराई से जांच के लिए योगी सरकार ने 3 अक्टूबर को सीबीआई के लिए सिफारिश की थी। जिसे केंद्र सरकार ने माना।
आपको बता दें कि शनिवार को केंद्र सरकार के डीओपीटी विभाग की सूचना पर सीबीआई ने मामले की जांच की जिम्मेदारी ली है। हाथरस मामले में सीबीआई ने आज जांच की कमान संभाल ली है। जल्द ही सीबीआई जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
इससे पहले आज एसआईटी ने 40 लोगों से पूछताछ के लिए तलब किया था। एसआईटी को पिछले 7 दिनों के अंदर ही रिपोर्ट भेज दी थी। इसके बाद जांच की प्रक्रिया को देखते हुए मोदी सरकार की सिफारिश पर 10 दिन की और मोहलत बढ़ा दी गई। जिसके बाद एसआईटी जोरों शोरों से जांच प्रक्रिया में लगी हुई है।
इन सब बातों से परे एक और बात जो सामने आ रही है वह राज्य सरकार की ओर से हैं। राज्य की सरकार का आरोप है कि इस मामले को कथित तौर पर जातीय दंगा भड़काने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए विदेशों से पैसे भी ट्रांसफर किए गए हैं।
इसके अलावा गांव में भी मामले को लेकर गेम आगे भी बनी है। हाथरस के इस गांव में भी दो गुट बंट चुके हैं। कुछ लोगों का कहना है कि आरोपी और पीड़िता के बीच प्रेम संबंध थे और यह एक्सीडेंटल मर्डर है। वहीं पीड़िता के परिवार और परिजनों का कहना है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गई है।