DRDO ने की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम 1 का सफल परीक्षण

आज का भारत कोरोना से जंग लड़ने में ही मशरूफ नहीं है। यह अपनी विकास की ओर भी तेजी से बढ़ रहा है। मंगलयान, चंद्रयान के बाल मिसाइल के क्षेत्र में भी भारत अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में लगा हुआ है।भारत ने मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बार फिर फतेह हासिल की है। स्वदेशी रूप से निर्मित एंटी रेडिएशन मिसाइल ‘ रूद्रम- 1’ सफल परीक्षण किया ।
उड़ीसा में हुआ परीक्षण

‘रुद्रम-1’ का उड़ीसा के तट से दूर व्हीलर द्वीप पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में रेडिएशन मिसाइल का DRDO द्वारा सफल परीक्षण किया गया।इसका परीक्षण सुखोई 30 एमके आई फाइटर एयरक्राफ्ट से किया गया।

DRDO द्वारा निर्मित ‘रूद्रम-1’

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय वायु सेना के लिए देश का पहला स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल का निर्माण किया।

मिसाइल की खासियत

रुद्रम किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है तथा मिसाइलों को नष्ट भी कर सकती है

अगर दुश्मन ने रडार सिस्टम को शटडाउन कर दिया है तो भी रुद्रम से बच नहीं पाएगा।

रुद्रम रेडियो फ्रिकवेंसी छोड़ने या रिसीव करने वाले किसी भी टारगेट को निशाना बना सकती है।

इसमें 0.6 से 2 मैक यानी 2469.6 किमी प्रति घंटे से ज्यादा लॉन्च स्पीड है।

250 किमी के दायरे में मौजूद हर टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम है।

500 मीटर से लेकर 15 किलोमीटर तक की ऊंचाई से इसे लांच किया जा सकता है।

रुद्रम अपने आवाज के रफ्तार से 2 गुना तेजी से दुश्मन को निशाना बना सकती है।

लॉन्चिंग से पहले और उसके बाद भी टारगेट को लॉक कर सकती है।

सीड ऑपरेशन को अंजाम दे सकती है, इसमें दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह नष्ट कर दिया जाता है।

इसके साथ ही देश ने दुश्मन रडार, संचार साइट और अन्य आरएफ उत्सर्जक लक्ष्यों को बेअसर करने के लिए लंबी दूरी की हवा में लांच की गई एंटी रेडिएशन मिसाइल विकसित करने के लिए स्वदेशी क्षमता स्थापित कर ली है।

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