बिहार में बाढ़ से 21 लोगों की मौत, 69 लाख की आबादी प्रभावित

पटना: बिहार (Bihar) में बाढ़ (Flood) ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरु कर दिया है। सभी प्रमुख नदियों में अब भी उफान जारी है। बाढ़ के कारण अब तक 21 लोगों की मौत (21 dead)हो गई है तो वहीं बाढ़ की वजह से राज्य के 16 जिलों की 69 लाख की आबादी प्रभावित (Population of 69 lakhs affected) हो चुकी है। NDRF और SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

राज्य सरकार की ओर से पीड़ितों को आर्थिक मदद

राज्य सरकार बाढ़ पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में 6000 रुपये पहुंचाकर आर्थिक मदद देने में जुटी हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, राज्य के 16 जिलों के कुल 124 प्रखंडों की 1,185 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 69 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।

बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर, सामुदायिक रसोईघर

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 8 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1,402 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन करीब दस लाख लोग भोजन कर रहे हैं।

अलग-अलग इलाकों में 21 लोगों की मौत

बाढ़ के दौरान अलग-अलग इलाकों में हुईं विभिन्न घटनाओं में 21 लोगों की मौत हुई है। इनमें सबसे अधिक सात लोगों की मौत दरभंगा जिले में और 6 लोगों की मौत मुजफ्फरपुर जिले में हुई है।  इस बीच 23 पालतू पशु की भी मौत हो गई है। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 33 टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं। अब तक 4,81,939 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है।

अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेच्युट्स रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रुपये की राशि दी जा रही है। अभी तक 4,50,129 परिवारों के बैंक खाते में कुल 270.80 करोड़ रुपये जीआर की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को SMS के जरिये से सूचित भी किया गया है।

बिहार राज्य जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। गुरुवार की शाम इसके जलस्तर में वृद्धि हुई थी, लेकिन शुक्रवार को फिर इसकी प्रवृत्ति कमी की दिख रही है। वीरपुर बैराज के पास शुक्रवार को सुबह 6 बजे कोसी का जलस्तर 1.85 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 1.83 लाख क्यूसेक हो गया।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही है नदियां

इधर, गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज पर सुबह 6 बजे 1.61 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे बढ़कर 1.63 लाख क्यूसेक पहुंच गया है। इस बीच, राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती जहां ढेंग, सोनाखान, कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, वहीं बूढ़ी गंडक सिकंदरापुर, समस्तीपुर रेल पुल, रोसड़ा रेल पुल और खगड़िया में लाल निशान के ऊपर है।

वहीं, कमला बलान जयनगर व झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर है। गंगा नदी कहलगांव में लाल निशान के ऊपर है, जबकि घाघरा और अधवारा भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले चार-पांच दिनों तक पूरे बिहार में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जिसको देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है।

 

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