Textile Hub: जानिए, नोएडा में बनने वाले टेक्सटाइल हब में क्या होगा खास ?

Textile Hub

Textile Hub: यूपी को उत्तर भारत का टेक्सटाइल हब (Textile Hub) बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार ने एक और पहल कर दी है। इसके तहत यमुना प्राधिकरण ने नोएडा (Noida) में अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (Textile Park) की स्थापना के लिए 150 एकड़ भूमि आवंटित कर दी है।

Textile Hub नोएडा में लगेंगी फैक्ट्रियां

सरकार के इस फैसले से अब उत्तर प्रदेश का पहला टेक्सटाइल पार्क (textile park) नोएडा में बनने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार नोएडा में बनने वाले इस टेक्सटाइल पार्क में कुल 152 कंपनियां अपनी फैक्ट्री लगाएंगी।

Textile Hub बनने के बाद मिलेगा रोजगार

8365.73 करोड़ रुपए का निवेश कर लगने वाली इन फैक्ट्रियों से करीब पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। अगले वर्ष के पहले महीने में टेक्सटाइल और गारमेंट (Textile & Garment) की 91 फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य शुरू होगा। इन 91 फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य पूरा होने और इनमें उत्पादन शुरू होने पर करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

इसके साथ ही गारमेंट और टेक्सटाइल सेक्टर (Garment and Textile Sector) में भी नोएडा का कद भी देश में बढ़ेगा। साथ ही, उत्तर प्रदेश उत्तर भारत का टेक्सटाइल हब (Textile Hub) बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने लगेगा।

Textile Hub के लिए इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियां

गौरतलब है यूपी देश का तीसरा सबसे बड़ा कपड़ा उत्पादक राज्य है। कपड़ा उत्पादन में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 13.24 प्रतिशत है। हैंडलूम (handloom) की संख्या और सिल्क उत्पादन के लिहाज से उत्तर प्रदेश का देश में पांचवां स्थान है।

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प्रदेश में 2.58 लाख हैंडलूम बुनकर (handloom weavers) और 5.5 लाख पावरलूम बुनकर (powerloom weavers) हैं। सूबे में गैर लघु औद्योगिक क्षेत्र में 58 स्पिनिंग मिल और 74 टेक्सटाइल मिल हैं। कालीन उत्पादन में देश में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 90 फीसद है।

टेक्सटाइल और गारमेंट के सेक्टर में ही सबसे ज्यादा रोजगार यूपी में लोगों को मिला हुआ है। इसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने टेक्सटाइल और गारमेंट के सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियां तैयार कराई हैं।

विदेशी कंपनियां Textile Hub में करेंगी निवेश

सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर देश तथा विदेश के 66 बड़े निवेशकों ने बीते चार वर्षों में टेक्सटाइल और गारमेंट के सेक्टर में 8715.16 करोड़ रुपए का निवेश करने संबंधी प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंपे हैं। इन 66 प्रस्तावों में से 12 टेक्सटाइल फैक्ट्री (Textile Factory) राज्य में लग गई हैं और 18 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों (Textile Factories) के निर्माण का कार्य चल रहा है। 17 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों की स्थापना के लिए इस वर्ष निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। अगले वर्ष से इन 17 फैक्ट्रियों में भी उत्पादन शुरू होने का दावा किया जा रहा है।

Textile Hub के लिए इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्कों को बढ़ावा

हाल के वर्षों में बांग्लादेश, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश प्रमुख कपड़ा उत्पादकों के रूप में उभरे हैं। प्रदेश सरकार की मंशा इन देशों से आगे होने ही है। प्रदेश में टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर में विस्तार करने की बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन प्रदेश में पूर्ण रूप से इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्कों (Integrated Textile Parks) की संख्या बहुत कम है।

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इसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने टेक्सटाइल पार्क (Textile Park) तथा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्कों (Integrated Textile Parks) के निर्माण को बढ़ावा देने का फैसला किया। इसी क्रम में नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 29 में नोएडा में सोसासिटी आफ नोएडा अपैरल क्लस्टर के टेक्सटाइल पार्क बनाने के लिए बीते 150 एकड़ भूमि आंवटित कर दी।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ, आगरा, झांसी, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ और कानपुर मंडलों में जहां कपड़ा उत्पादन परंपरागत तौर पर होता रहा है वहां निजी क्षेत्र के सहयोग से इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएं।

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