Swaraj ka Archan: “स्वराज्य का अर्चन” पर ऑनलाइन गोष्ठी सम्पन्न

Swaraj ka Archan

Swaraj ka Archan:  गाजियाबाद, गुरुवार 11 नवम्बर 2021,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में “स्वराज्य का अर्चन” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कोरोना काल में 311 वां वेबिनार था।

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Swaraj ka Archan:  अपने राष्ट्र पर अपना अधिकार ही स्वराज्य है

मुख्य वक्ता हरियाणा के राज्य औषधि नियन्त्रक व हरियाणा केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के प्रदेश प्रभारी आचार्य नरेन्द्र आहूजा विवेक ने  ऋग्वेद के मन्त्र की व्याख्या करते हुए स्वराज्य शब्द का अर्थ बताया कि अपनी देह अपनी भूमि अपने राष्ट्र पर अपना अधिकार अपना राज्य ही स्वराज्य है।स्वराज्य अपना जन्म सिद्ध अधिकार ही नहीं अपितु ईश्वर प्रदत्त अधिकार है।वेद दास्ता या गुलामी का पोषण नहीं करता।

Swaraj ka Archan:   अर्चन शब्द में समाहित है पूजन, वंदन, समर्पण

स्वाधीनता के अमृत महोत्सव पर हम स्वराज्य का अर्चन वेद की ऋचाओं से करें और अपने प्राचीन वैभव को प्राप्त करें। अर्चन शब्द में पूजन वन्दन वर्धन समर्पण सत्कार यश प्रतिष्ठा मान सम्मान गौरव एवं बल की वृद्धि सब आता है। हम स्वराज्य के अर्चन में शारिरिक आत्मिक सामाजिक उन्नति, सर्वांगीण विकास आत्मविश्वास साहस शौर्य से बाधाओं को दूर करते हुए दृढ संकल्प स्थिर बुद्धि से निर्भय होकर लक्ष्य पाना अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना और असुरों दुष्टों एवं दुष्ट मनोवृत्ति का हनन  करते हुए प्रजा पर नियंत्रण रख कर राष्ट्रीय प्रगति में प्रेरित करना ही स्वराज्य का अर्चन कहलाता है।

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राष्ट्र की रक्षा के लिए आयुद्ध राफेल विमान चिनूक हेलीकॉप्टर पनडुब्बी आदि लेना स्वराज्य का अर्चन कहलाता है। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद स्वराज्य के प्रथम उदघोषक थे, महर्षि दयानन्द ने कहा था कि कोई कितना भी करे परंतु स्वदेशी राज्य सर्वोत्तम है। आज हमे राष्ट्र रक्षा का संकल्प लेना है और राष्ट्र विरोधी ताकतों को मुंह तोड़ जवाब देना है।

Swaraj ka Archan:  गोष्ठी में शामिल थे कई गणमान्य लोग

मुख्य अतिथि आर्य नेता संजीव बजाज व अध्यक्ष कुँवरपाल श्री ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि युवाओं में राष्ट्र समर्पण की भावना जाग्रत करने की आवश्यकता है।

गायिका प्रवीना ठक्कर,दीप्ति सपरा,रजनी गर्ग,रजनी चुघ,बिंदु मदान,रेखा वर्मा,ईश्वर देवी,सुदेश आर्या,जनक अरोड़ा,प्रतिभा कटारिया,रविन्द्र गुप्ता,किरण सहगल, कुसुम भंडारी आदि ने मधुर भजन सुनाये ।

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