PANCHAYAT CHUNAV: पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर दाखिल याचिका हाईकोर्ट ने किया खारिज

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PACHAYAT CHUNAV: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से इन्कार करने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी दायर याचिका खारिज कर दी है। प्रदेश में 15 अप्रैल से चार चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (PANCHAYAT CHUNAV) होने हैं। मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर स्पेशल कोर्ट बैठी और आज शुक्रवार दो अप्रैल को याचिका पर सुनवाई की।

पंचायत चुनाव (PACHAYAT CHUNAV)आरक्षण याचिका को हाईकोर्ट  ने किया खारिज

याचिका पर सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने गोरखपुर जिले के परमात्मा नायक व दो अन्य की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में कहा गया था कि गोरखपुर जिले में जिन सीटों को आरक्षित किया गया है वहां कोई भी अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति नहीं है। इसके बावजूद 26 मार्च 2021 को जारी आरक्षण सूची में चावरियां बुजुर्ग, चावरियां खुर्द व महावर कोल ग्रामसभा सीट को आरक्षित घोषित कर दिया है। जो कि संविधान के उपबंधो का खुला उल्लंघन है।आरक्षण को रिकार्ड तलब कर रद्द किया जाए, और याचियों को चुनाव लड़ने की छूट दी जानी चाहिए। मुख्य स्थायी अधिवक्ता की याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गोरखपुर जिले में अनुसूचित जनजाति का एक भी व्यक्ति न होने के बावजूद ग्राम पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान की सीट आरक्षित करने के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। यहां पर कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की तरफ से आपत्ति की गयी कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना राज्य चुनाव आयोग ने जारी कर दी है। संविधान के अनुच्छेद 243ओ के अनुसार चुनाव प्रक्रिया शुरु होने के बाद कोर्ट को चुनाव में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, इसलिए याचिका पोषणीय न होने के कारणखारिज की जाए, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

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