उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्वरोजगार योजना को कहा ‘बीरबल की खिचड़ी’

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेरोजगारी पर अपनी बात रखते हुए एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि आज अखबार में बहुत ही दुखद खबर छपी थी कि डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने नौकरी अपनी गंवानी पड़ी है, इतने युवा बेरोजगार हो गए हैं। उसके ऊपर से कोरोना जन्य बेरोजगारी ने तो युवाओं की कमर ही तोड़ दी है। उन्होंने साथ ही यह भी साझा किया कि पिछले कुछ ही दिनों में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की जिसमें से 100 से ज्यादा युवा थे और बेरोजगारी से पीड़ित थे।

स्वरोजगार धरातल पर नहीं

हरीश रावत ने कहा कि ऐसे युवाओं का अवसाद में जाना और आत्महत्या करना बहुत ही दुखद है क्योंकि अभी उन युवाओं के पास बहुत ही लंबा और सुनहरा भविष्य था। मैंने इससे पहले भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को कहा है कि वह कृपा करके खाली पदों को भरें पर वह इसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेते दिख रहे हैं, बल्कि उनकी ये स्वरोजगार योजना जो अभी चलाई जा रही है यह भी ‘बीरबल की खिचड़ी’ की तरह है जो कि धरातल पर उतरती हुई नजर नहीं आ रही है।

उन्होंने कहा कि “मनरेगा अभी भी अपने पुराने ढर्रे पर चल रही है, कुछ नया नहीं हो पा रहा है। साथ ही सिडकुलों की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है कोई ऐसी शुरुआत नहीं हो रही है जिससे रोजगार पैदा हो सके। मैंने यह तय किया था कि बेरोजगारी को देखते हुए बेरोजगारों की व्यथा पर एक लाइव करूंगा, पर अब मैं 1 सितंबर से पहले ही 1 दिन सरकार को बेरोजगारी से अवगत कराने के लिए अपने आवास पर उपवास करुंगा जिसके लिए मैं आप सभी को भी आमंत्रित करता हूं”।

सिडकुल की पदयात्रा

सबसे आखिर में जोर देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह सरकार को बेरोजगारी से अवगत कराने और सजगता का वातावरण बनाने के लिए सितारगंज सिडकुल और रानीपुर सिडकुल का पदयात्रा करेंगे, जिससे कि बेरोजगारी के खिलाफ सजगता का वातावरण पैदा हो सके। सोशल मीडिया पर हरीश रावत की इस पहल को काफी समर्थन मिल रहा है।

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