लखनऊ: बीते शनिवार 29 अगस्त को अपनी मां और भाई की हत्या (Mother and brother murdered) को अंजाम देने वाली आरोपी 15 साल की नाबालिग (15 years minor) अपने पिता के साथ मेडिकल देखरेख (Medical care) में घर पर रह रही है। उसके पिता रेलवे के एक सीनियर ऑफिसर हैं। सादे कपड़ों में महिला पुलिसकर्मियों को अधिकारी के घर पर तैनात किया गया है।
किशोर न्यायालय जुवेनाइल कोर्ट (Juvenile court) ने लड़की को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था क्योंकि वह डिप्रेशन और ‘हैलुसिनेशन’ (Depression and ‘hallucination) से पीड़ित है।
हजरतगंज के एसीपी राघवेंद्र सिंह ने कहा, “अदालत ने कहा कि उसे हिरासत अवधि के दौरान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा।”
आरोपी नाबालिग के पिता ने एक प्रार्थना पत्र देकर अनुरोध किया था कि हिरासत में रहने के दौरान उसे घर में रहने दिया जा सकता है क्योंकि वह मानसिक रूप से परेशान है और उसे उसे भावनात्मक सहारे की जरूरत है।
अधिकारी ने कहा, “परिणामस्वरूप, हिरासत की मांग के दौरान, हमने मजिस्ट्रेट को यह भी बताया कि ये रेयर केस में आता है, इसलिए अदालत द्वारा मानवीय आधार पर पिता के अनुरोध पर विचार करने पर पुलिस को कोई आपत्ति नहीं है।” बाल मनोचिकित्सक द्वारा जांच के लिए लड़की को केजीएमयू भी ले जाया गया।
बता दें कि लड़की ने कथित तौर पर 22 बोर की पिस्तौल से अपनी 47 वर्षीय मां और 17 वर्षीय भाई को उस समय गोली मार दी थी, जब वे सो रहे थे, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना शनिवार को हुई थी। लड़की ने तब दोनों की गोली मारकर हत्या करने की बात अपने दादा-दादी की मौजूदगी में कबूल की थी।