बिहार इलेक्शन: सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से सुलझ जाएगी महागठबंधन की गांठ !

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव लेकर हर रोज सियासी पार्टियों में घमासान और उठापटक की खबरें सामने आ रही है। कहीं गठबंधन को लेकर रार है तो कहीं छोटी पार्टियां इन झगड़ों के बीच आकार ले रहे हैं। वहीं विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है।

 खबर है कि राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस (Congress) और अन्‍य घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग (Seat Sharing) पर बातचीत अंतिम चरण में है। इसका मतलब साफ है कि अगर सीट शेयरिंग का फार्मूला सटीक बैठ गया तो महागठबंधन की गांठ सुलझ सकती है।

अगर सबकुछ सामान्‍य रहा तो सीटों की घोषणा एक हफ्ते के अंदर यानी दो अक्‍टूबर या उसके बाद कभी भी की जा सकती है। आरजेडी ने पहले फेज के चुनाव के लिए अपनी सीटों की लिस्ट भी तैयार कर ली है। खबर ये भी है कि लिस्ट को लेकर भोला यादव रांची पहुंच गए हैं, जहां उनकी मुलाकात आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से होगी।

माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव से मुलाकात और बातचीत के बाद आरजेडी अपनी पहली लिस्ट जल्द जारी कर सकता है। जानकारी के मुताबिक उम्मीदवारों के नाम भी तय हो चुके हैं।

 आरजेडी  को 150 सीट तो कांग्रेस को 70

सूत्रों की माने तो आरजेडी और कांग्रेस के बीच 10 सीटों को लेकर बातचीत का सिलसिला जारी है। आरजेडी अपनी तरफ से माले को 13,  भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को 6 और मार्क्‍सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को 6 सीटों का ऑफर किया है। तो वहीं कांग्रेस को 60 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया है। लेकिन कांग्रेस 70 सीटों पर अड़ी हुई है। वहीं माले भी 17 सीटों से कम पर तैयार नहीं हैं।

समाचार एजेंसियों के मुताबिक आरजेडी 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के करीब आधा दर्जन प्रत्‍याशियों को अपने सिंबल पर चुनाव मैदान में उतार कर आरजेडी अपनी सीटें बढ़ा सकता है।

 महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला

सूत्रों के मुताबिक 2015 के विधानसभा चुनाव के फॉर्मूले के अनुसार सीटों का बंटवारा किया जाएगा। इसके अनुसार कांग्रेस को 41 तो आरजेडी को 101 सीटें दी जातीं। सूत्रों के अनुसार उस चुनाव में महागठबंधन (Crand Alliance) में शामिल  जनता दल यूनाइटेड (JDU) की 101 सीटों में से 50 आरजेडी और 30 कांग्रेस को दिए जाने हैं। बाकी सीटें वाम दलों को दिए जाने हैं।

अब देखना होगा कि महागठबंधन में सीटों का ये फार्मूला कितना कारगर साबित होता है। क्या सीटों का ये फार्मूला खोलेगा गठबंधन की गांठ।

 

 

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