भोपाल: मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां खरीदी केंद्रों पर अनाज की सुरक्षा एवं भंडारण के मकसद से पक्का चबूतरा का निर्माण महात्मा गांधी नरेगा से किया जा रहा है।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश में खरीद समिति द्वारा चिन्हित केंद्रों में पक्के चबूतरे के निर्माण के लिए जिलों को 65 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि मनरेगा से जारी की गई है। अभी तक 564 चबूतरों का निर्माण कर छह लाख 94 हजार 500 मैट्रिक टन क्षमता का अनाज सुरक्षित रखा जा रहा है, वहीं 675 कार्य प्रगतिरत हैं।
बताया गया है कि चबूतरा निर्माण कार्य में आठ करोड़ 60 लाख रुपये की मजदूरी का भुगतान ग्रामीणों को किया गया है, वहीं सामग्री पर 68 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है। राज्य शासन का निरंतर प्रयास है कि अनाज का एक भी दाना असमय बारिश से खराब नहीं हो।
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खरीदी केंद्रों में मनरेगा के अंतर्गत पक्का चबूतरा निर्माण होने से खरीदे गए अनाज को असमय बारिश से होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलेगी। ग्राम पंचायत की भूमि पर तय खरीदी केंद्रों में चबूतरा निर्माण होने से खाद्यान्न उपार्जन समिति द्वारा चबूतरे के मासिक किराए का भुगतान ग्राम पंचायत को किया जाएगा। इस प्रकार मनरेगा के तहत स्थायी परिसंपत्ति के निर्माण के साथ ही ग्राम पंचायत की आमदनी बढ़ेगी।
उल्लेखनीय है कि मनरेगा के अंतर्गत पूर्व से स्वीकृत कार्यो में देश में पहली बार अनाज भंडारण के लिए संरचना निर्माण का प्रावधान किया गया है। राज्य में मार्कफेड द्वारा सुझाए गए डिजाइन के आधार पर चबूतरे का निर्माण मनरेगा से किया जा रहा है।