दक्षिणी रूस के अस्त्राख़ान प्रांत (Astrakhan province) में 15 से 27 सितंबर के बीच होने वाले बहुराष्ट्रीय युद्ध अभ्यास कावकाज-2020 (Kavkaz-2020) में भारत भाग नहीं लेगा। इससे पहले यह खबर थी कि भारत इस युद्धअभ्यास में हिस्सा लेने वाला है। भारत ने अपने 200 सैन्य कर्मियों को रूस भेजने की योजना भी तैयार की थी, जिसमें तीनों सेनाओं के जवान शामिल थे ।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के सीमा पर तनातनी चल रही है जिसकी वजह से भारत ने यह फैसला लिया है। यह फैसला नई दिल्ली स्थित एक हाई लेवल बैठक में हुई, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने भाग लिया।
कावकाज़ (Kavkaz) 4 वर्षों के अंतराल पर होने वाला रूसी सेना का एक युद्धाभ्यास है । इसके पहले ये युद्धाभ्यास 2012 और 2016 में हुए थे । हालांकि भारत तथा रूस के बीच 2003 में ही द्विपक्षीय युद्धाभ्यास( इन्द्र) की शुरुवात हो चुकी है ।