केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पा रहे थे। कारण था उत्तर प्रदेश से किसी जमानतदार का न मिल पाना। ऐसे में लखनऊ यूनिवर्सिटी की पूर्व वाइस चांसलर रूप रेखा वर्मा ने आगे आकर सिद्दीक कप्पन की जमानतदार बनने की पहल की और आश्वासन दिया कि वह कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करेंगी।
सिद्दीक कप्पन सितंबर 2020 में हाथरस में एक दलित लड़की की मौत की खबर कवर करने यहां पहुंचे थे, तभी यूपी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सिद्दीक करीब दो वर्षों से जेल में हैं।
हाथरस मामले में गिरफ्तार होने वाले सिद्दीक कप्पन को जमानत 9 सितंबर को ही मिल गई थी, लेकिन यूपी में ही उनकी सेक्योरिटी लेने वाले के अभाव में वह जेल से बाहर नहीं आ सकते थे। इस मामले में पूर्व वीसी रूप रेखा वर्मा ने सिद्दीक कप्पन की जमानतदार बनने के साथ कोर्ट द्वारा निर्धारित जमानत शर्तों को पूरा करने की बात कही है।
सिद्दीक कप्पन अभी भी 26 सितंबर तक जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। उनपर लखनऊ की सत्र अदालत की ओर से एक अन्य मामले में जमानत नहीं मिली है। ये मामला प्रवर्तन निदेशालय की ओर से प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत दर्ज किया गया था।
इस विषय में टाइम्स ऑफ़ इण्डिया से बात करते हुए प्रोफ़ेसर वर्मा ने कहा- ‘कप्पन की तरह और लोग भी इसी तरह से प्रताड़ित किये जा रहे हैं और मैं ऐसे सभी लोगों के साथ खड़ी हूं। यदि कप्पन को कोर्ट द्वारा दोषी पाया जाता है तो मैं गलत हो सकती हूं, लेकिन इस समय कप्पन को उनके जमानत के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।’
रूप रेखा वर्मा ने इससे पहले बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों को रिहा करने के फैसले पर भुई सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।