DELHI: मोदी कैबिनेट ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया है।कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया साथ ही सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है। शिक्षा के क्षेत्र में इसे ब़ड़ा कदम माना जा रहा है।
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया था कि मंत्रालय का नाम बदला जाए। इस मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय किए जाने की मांग की गई थी जिसे मंजूर कर लिया गया है। सरकार के फैसले के बाद अब पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी ताकि शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सके।
शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के लिए जिस रेगुलेटरी बॉडी को हरी झंडी दी है उसका नाम ‘नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी NHERA या हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया‘ तय किया है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण 1986 में किया गया था। 1992 में इसमें कुछ बदलाव किए गए थे. तीन दशक बाद भी कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
अब इस बदलाव के पीछे वजह बताई जा रही है कि शिक्षा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है ताकि भारत दुनिया में ज्ञान का सुपरपावर बन सके। इसके लिए सभी को अच्छी क्वालिटी की शिक्षा दिए जाने की जरूरत है ताकि एक प्रगतिशील और गतिमान समाज बनाया जा सके।
शिक्षा मंत्रालय सबसे पहले प्राथमिक स्तर पर दी जाने वाली शिक्षा की क्वालिटी सुधारने की दिशा में काम करेगा । अलग-अलग भाषाओं के ज्ञान, 21वीं सदी के कौशल, कोर्स में खेल, कला और वातारण से जुड़े मुद्दों पर व्यापक सुधार किए जाएंगे।