BIMSTEC Summit: दक्षिण एशिया में मित्र पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक, व्यापार और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को बंगाल की खाड़ी की बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) के पांचवें शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी।
ये भी पढ़ें- CM Yogi Adityanath 2.0: योगी ने दूसरी बार सीएम बनने के बाद लिया बड़ा फैसला, मुफ्त राशन योजना तीन महीने के लिए बढ़ाई
BIMSTEC Summit: बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा श्रीलंका
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, इस सम्मेलन की बैठक वर्चुअल मोड में हो रही है, जिसकी मेजबानी वर्तमान बिम्सटेक अध्यक्ष श्रीलंका करेगा। शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए बिम्सटेक के वरिष्ठ अधिकारियों (एसओएम) की बैठक 28 मार्च को होगी, इसके बाद अगले दिन बिम्सटेक विदेश मंत्रियों (बीएमएम) की बैठक होगी। कोरोना महामारी संबंधी चुनौतियां और अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के अंदर अनिश्चितताएं जिनका सभी बिम्सटेक सदस्य सामना कर रहे हैं।
BIMSTEC Summit: बिम्सटेक के ये देश हैं सदस्य
ये बिम्सटेक तकनीकी और आर्थिक सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के लक्ष्य को अधिक तात्कालिकता प्रदान करते हैं। इस शिखर सम्मेलन में नेताओं के विचार-विमर्श का मुख्य विषय होने की उम्मीद है। नेताओं से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे समूह के बुनियादी संस्थागत ढांचे और तंत्र की स्थापना पर चर्चा करें। बिम्सटेक के सदस्य देश बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड हैं।
BIMSTEC Summit: कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित
एक क्षेत्र-संचालित समूह होने के नाते बिम्सटेक ने शुरू में 1997 में छह क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया था, जिसमें व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन और मत्स्य पालन शामिल था और 2008 में कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद, पर्यावरण, संस्कृति, लोगों के बीच संपर्क और जलवायु परिवर्तन शामिल किया गया था। इसके बाद, क्षेत्रों और उप-क्षेत्रों को पुनर्गठित करने के लिए कई कदमों का अनुसरण करते हुए, 2021 में सहयोग को और बढ़ाया गया।
खबरों के साथ बने रहने के लिए प्रताप किरण को फेसबुक पर फॉलों करने के लिए यहां क्लिक करें।