अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में आदेश पारित कर अमेरिकी कंपनियों के चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉक के साथ व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश 45 दिन बाद लागू हो जाएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने एग्जीक्यूटिव आर्डर पारित कर यह प्रतिबंध लगाया है।फ्रांस ने अमेरिका के साथ पूरी दुनिया को बताया कि यह राष्ट्रपति के अधिकार में है और वह इसे अदालत ने भी चुनौती दे सकते हैं।एक बयान में टिक टॉक के इस तरह की बातें कहने पर जिसमें की अदालत जाने की बात थी उस पर राष्ट्रपति ने प्रतिक्रिया के रूप में यह बात कही।
भारत के कारणों का भी हुआ उल्लेख:
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका में टिकटॉक और भी वीचैट पर प्रतिबंध लगाने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण गिनाए हैं। उन्होंने इन चीनी कंपनियों पर आरोप लगाया है कि वास्तव में इन ऐप के जरिए खतरे थे।ऐप के माध्यम से डाटा इकट्ठा कर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी तक पहुंचाने की आशंका जताई है।
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में चीनी एप पर प्रतिबंध लगाते समय राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया गया था। ट्रंप ने भी इन बातों को सही ठहराया है। उनका कहना है कि टिक टॉक के माध्यम से अमेरिकी संघीय कर्मचारियों के निजी जानकारियां चीनी सरकार तक पहुंच जाती है। जिसके माध्यम से अमेरिका में जासूसी की जा सकती है।
कई दिनों से चल रहा था विरोध:
आपको बता दें कि अमेरिका में इन प्रतिबंधों को लेकर कई दिन से कवायद जारी थी। रिपब्लिकन सांसदों ने भी इसका विरोध किया था। कुछ सांसदों में तो गृह सचिव को चिट्ठी लिख कर के भी अपनी बात दर्ज कराई। सांसदों का कहना था कि टिक टॉक और वीचैट के जरिए अमेरिकी चुनाव पर चीन हस्तक्षेप कर सकता है।
इन बातों को ध्यान में रख अमेरिकी सरकार ने शनिवार को यह फैसला लिया। इसके पहले भी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीनी कंपनी टिकटॉक को अमेरिकी कंपनी गूगल या माइक्रोसॉफ्ट को बेचने को कहा था लेकिन टिकटॉक ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जिस पर बीते दिन यह कदम उठाए गए।