मनोज मानव की कलम से…”रहने लायक देश बनायें”

मनोज मानव की कलम से… “रहने लायक देश बनायें” छोड़ो जाति, धरम की दुनिया, जोड़ो सबको एक हो जायें, रहने लायक परिवेश बनाकर आओ मिलकर फिर देश बनाये-२ जीवन जीने, कुछ रखने का, कुछ हासिल करने का उद्देश्य बनाये, छोड़ो नक्शा, जोड़ो नक्शा, फिर मिलकर हम एक हो जाये, चलो रहने लायक देश बनाये-२ आग…

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