बुधवार की रात बेहद अजीब घटना सामने आई। नागालैंड और मणिपुर के पूर्व राज्यपाल (former governor) और सीबीआई (CBI) के पूर्व डायरेक्टर अश्वनी कुमार (director Ashwani Kumar) ने फांसी लगा ली। शिमला स्थित उनके घर में संदिग्ध परिस्थितियों में वह लटके पाए गए। उनके निधन की पुष्टि शिमला के एसपी मोहित चावला ने की। 70 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। हालांकि इसकी वजह अभी तक नहीं सामने आई है।
आपको बता दें कि अश्वनी कुमार 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। 2006 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला था। जिसके दौरान उन्होंने डिजिटाइजेशन और कंप्यूटर के प्रयोग की शुरुआत की थी। पहाड़ी राज्य के थानों में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था भी उन्हीं की देन रही है।
यूपीए सरकार में 2013 में उन्हें नागालैंड और उसी वर्ष जुलाई 2013 में मणिपुर के राज्यपाल के रूप में उन्हें चुना गया। जिस दौरान नॉर्थ ईस्ट इन दो राज्यों में उन्होंने राज्यपाल के रूप में अपने दायित्व का ईमानदारी से पालन किया।
इसके अलावा वह हिमाचल प्रदेश के पहले सीबीआई डायरेक्टर के रूप में जाने जाते हैं। सीबीआई डायरेक्टर के रूप में भी उनका व्यक्तित्व अद्भुत रहा। डीजीपी, सीबीआई डायरेक्टर, राज्यपाल अलावा भी उन्होंने पुलिस के कई बड़े पदों पर रह चुके हैं।
ऐसे बड़े व्यक्तित्व की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से लगातार संदेह बना हुआ है। हालांकि यह कहना मुश्किल है कि उन्होंने खुदकुशी की है या फिर यह हत्या का मामला है। हिमाचल प्रदेश और शिमला की पुलिस शव को अपने कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए भेज रही है।