अपने हुस्न, नज़ाकत और कमाल के डांस से दर्शकों को रात भर करवटें बदलने को मजबूर कर देने वाली एक्ट्रेस मुमताज़ अपने ज़माने की सुपरस्टार थीं। कहा जाता है कि मुमताज अपने आगे रेखा, और शर्मिला टैगोर को कुछ नहीं मानती थीं। रेखा को वो टक्कर देने वाली हिरोइन नहीं मानती थी तो वहीं शर्मिला टैगोर को फ्लॉप फिल्म देने वाली एक्ट्रेस कहा करती थीं जबकि ये दोनों अभिनेत्रियां भी उस वक्त की जानी मानी स्टार थीं।
मुमताज़ की अपनी एक खासियत थी.. दर्शकों के भीतर जो तिलस्म और जादू मुमताज ने जगाया वो किसी हिरोइन में नहीं था। बिंदिया चमकेगी, करवटें बदलते रहे सारी रात हम, जय-जय शिवशंकर सहित कई ऐसे गाने और फिल्में हैं, जिसके जरिये मुमताज़ ने दर्शकों में गजब का आर्कषण पैदा किया जो आज भी दर्शकों के दिल में बरकरार है।
मुमताज का जादू कुछ ऐसा था कि वो 11 साल की उम्र में सिनेमा की दुनिया में कदम रखा, 16 साल की उम्र में सुपरहिट फिल्म दी और 22 साल की उम्र में सुपरस्टार बन गईं। मुमताज उस वक्त जितनी फीस लेती थीं उतनी फीस किसी हीरोइन की नहीं थी।
1958 में आई फिल्म ‘सोने की चिड़िया’ से बतौर बाल अभिनेत्री अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाली 60 और 70 के दशक की हिट हीरोइन मुमताज का आज जन्मदिन है। 31 जुलाई 1947 को जन्मी मुमताज ने अपने करियर में 100 से ज्यादा फिल्में की जिसमें से अधिकांश हिट रही। एक दौर ऐसा था जब मुमताज फिल्मों को हिट कराने की गारंटी बन गयी थी। 1971 में संजीव कपूर के साथ आई फिल्म ‘खिलौना’ के लिए मुमताज को फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला था।
एक दौर था जब आम तौर पर अभिनेत्रियां पहलवान दारा सिंह के साथ फिल्में करने से कतराती थी, उस दौर में मुमताज ने दारा सिंह के साथ 16 फिल्में की जिनमें से 10 सुपरहिट रही। उस समय उनकी इमेज एक स्टंट और एक्शन फिल्मों की हीरोइन वाली बन गई थी पर मुमताज ने रोमांटिक किरदार भी किए और वहां भी वह छा गई।
अपने 13 साल के करियर में मुमताज ने दो रास्ते, आपकी कसम, तेरे मेरे सपने, हरे रामा हरे कृष्णा, सच्चा झूठा, पत्थर के सनम, खानदान, खिलौना, अपना देश जैसी फिल्में की। मुमताज ने उस समय के सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ भी आठ सुपरहिट फिल्में दी। राजेश खन्ना के साथ मुमताज की ऑफ स्क्रीन जोड़ी भी काफी चर्चित थी। कहते हैं जब मुमताज ने अपनी शादी की बात राजेश खन्ना को बताई तो वो काफी नाराज हो गए थे।
मुमताज ने 1977 में ‘आईना’ फिल्म के बाद फिल्मों में काम करना छोड़ दिया था और अपने निजी जीवन में व्यस्त हो गई। शादी के बाद वह अपने परिवार के साथ लंदन में बस गई थी। 1990 में मुमताज ने ‘आंधियां’ फिल्म से अपने फिल्मी सफर की दूसरी पारी शुरू की पर फिल्म फ्लॉप रहीं तो उन्होंने फिर से फिल्मों से दूरी बना ली।