हम बचपन से सुनते आए हैं कि क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद से जब उनका नाम पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ ‘आजाद’ बताया क्योंकि वह खुद को सिर्फ आजादी के मिशन में समर्पित एक योद्धा मात्र समझते थे और जाति धर्म की पहचान से खुद को अलग करते थे, लेकिन बीते 23 जुलाई को जब चंद्रशेखर आजाद का जन्मदिवस था, तो गीतकार मनोज मुन्तशिर ने कुछ ऐसा पोस्ट कर दिया जिसके बाद उनकी काफी आलोचना होने लगी और उन्हें ट्रोल किया जाने लगा साथ ही उन्हें जातिवादी और ब्राह्मणवादी कहा जाने लगा।
मनोज मुन्तशिर का पोस्ट था
“मलते रह गए हाथ शिकारी… उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी.. अंतिम गोली ख़ुद को मारी … जियो तिवारी, जनेऊधारी..!!!” #ChandraSekharAzad
जिसके बाद फ़िल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज ने उन्हें आड़े हाथों लिया और उनके ट्वीट के जवाब में ट्वीट किया –
“मलते रह गए हाथ शिकारी… उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी..
अंतिम गोली ख़ुद को मारी … जियो तिवारी, जनेऊधारी..!!!” #ChandraSekharAzad
आज़ाद जाति-धर्म से परे राष्ट्र के क्रांतिकारी आंदोलन में क़ुर्बान हुए।
2020 में @manojmuntashir ने उन्हें तिवारी व जनेऊधारी बना दिया।
मैं निंदा करता हूं”
इस ट्वीट के साथ ही ट्विटर यूजर्स दो खेमे में बंट गए। कुछ लोग मनोज मुन्तशिर का समर्थन करते पाए गए कि जब कलाम को मुसलमान कहा जा सकता है तो चंद्रशेखर आजाद को तिवारी और जनेऊधारी कहने से भला क्या समस्या हो सकती है, तो वहीं एक खेमा मनोज मुन्तशिर को जातिवादी ही कहता रहा।
अजय ब्रह्मात्मज के ट्वीट के जवाब में मनोज मुन्तशिर ने लिखा कि ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ गाने में भगत सिंह को जट बताया गया है तो चंद्रशेखर आज़ाद को तिवारी और जनेऊधारी कहना गलत कैसे हो गया।
मनोज के इस जवाब के बाद उन्हें यूजर्स द्वारा खूब खरी खोटी सुनाई गई कि आपको ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ के पीछे का इतिहास जानना चाहिए, ये एक गाना मात्र नहीं बल्कि एक बड़े आंदोलन का नारा था।
इस विवाद पर अपने स्पष्टीकरण के लिए मनोज मुंतशिर जल्द ही अपने यूट्यूब पर वीडियो से जवाब देने वाले हैं, उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
POST BY: JUGAL KISHOR