नई दिल्ली : मीडिया जगत में टीआरपी के लिए खूब मारामारी रहती है। सभी सोचते हैं कि इस जंग में हम अव्वल रहें। आइए जानते हैं कि आखिर यह टीआरपी है क्या–
TRP यानी टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स एक खास उपक्रम है जिसके द्वारा इस बात का पता चलता है कि कौन से टीवी या किस चैनल को लोग अधिक से अधिक देख रहे हैं। कुल मिलाकर बात यह है कि टीआरपी लोगों के पसंद को दर्शाता है।
जिस कंपनी का टीआरपी जितना अधिक होता है उसको उतना ही अधिक विज्ञापन मिलता है। विज्ञापन से पैसा आता है और इस तरह से चैनलों को मुनाफा मिलता है । यानी टीआरपी का सीधा संबंध मुनाफे से है।
कौन देता है टेलीविजन रेटिंग्स
आपको बता दें कि भारतीय दूरसंचार नियामक (ट्राई) ने 2008 में टेलीविजन रेटिंग देने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय से ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल(BARC) की सिफारिश की थी ।इसके बाद जुलाई 2010 में बार्क अस्तित्व में आया।हालांकि जुलाई 2015 से बार्क को भारत में टीवी रेटिंग देने की मान्यता मिली।
कैसे दी जाती है रेटिंगस
इसके लिए दो तरह से आंकड़ें इक्कठे किए जाते हैं । घरों में टेलीविजन पर क्या देखा जा रहा है इसको लेकर घर-घर में एक सर्वे कराया जाता है। दूसरा तरीका यह है कि लोग किस चैनल को सबसे ज्यादा देखना पसंद करते हैं इसके लिए रेस्टोरेंट और दुकानों पर लगे टीवी सेट का डाटा इकट्ठा किया जाता है।