Varanasi: वारणसी (Varanasi) शब-ए-बारात की रात मुस्लिम कब्रिस्तानों में खूब रौनक़ रही। इस दुनिया से रुखसत हो चुके लोगों के रिश्तेदार उनकी कब्र पर जाकर रौशनी करते नज़र आये। किसी ने अपनो की कब्र फूलों से सजाई तो किसी ने कैंडल जलाया।इस्लामिक कैलेंडर की 14/15 शाबान की रात शब-ए-बारात कहलाती है। इस्लामिक नज़रिये से यह रात अहम होती है और इस खास तारीख को मांगी गई दुआ रद्द नहीं होती।यही वजह है कि इस रात लोग अपने रिश्तेदारों की कब्र पर पहुंच कर उनके हक में दुवायें करने के अलावा उनके लिए सूरह फातेहा पढ़ते हैं जिसका उन्हें सवाब हासिल होता है।
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इस मौके पर लोग एक दिन पहले ही उस स्थान पर पहुंचने लगते हैं जहां कब्रिस्तान में उनके रिश्तेदार दफन होते हैं। पूरी दुनिया में जहां जहां मुसलमान हैं शब-ए-बारात की रात उनकी कोशिश होती है कि वह अपने रिश्तेदार की कब्र पर ज़रूर पहुंचें।