पिथौरागढ़- हमारे सामने दशरथ मांझी की कहानी कभी पुरानी नहीं हो सकती.। प्रेम की एक अमर कहानी है ‘मांझी- द माउंटेन मैन’ (Manjhi The mountain man) की कहानी, जिसने कई किलोमीटर खुद ही जैनी हथोड़ा लेकर सड़क बना दी और कई किलोमीटर की दूरी समेट के रख दी। इसी तरह का एक ताजा मामला है उत्तराखंड (Uttrakhand) के पिथौरागढ़ (Pithoragarh)जिले के गंगोलीहाट (Gangolihaat) के भामापाभे (Bhamapabhai) गांव से। जहां लोगों ने सरकार से उम्मीद करना छोड़ दिया और खुद ही मिलकर सड़क बनाना शुरू कर दिया।
इस मुहिम में गाँव के सभी लोग साथ आये हैं और बूढ़े, बच्चे, जवान, महिलाएं सभी हाथों में गैंती, कुदाल, फावड़ा लिए सड़क बनाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। ये अक्सर देखा जाता है कि उत्तराखंड में पहाड़ी दुर्गम स्थल हमेशा उपेक्षित रहते हैं। पर इस गाँव के लोग इस समस्या से निकलने के लिए खुद ही सामने आये जो कि काफी प्रेरणादायक है।