कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश में सभी एंबुलेंस कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। दरअसल एंबुलेंस सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी की मनमानी की वजह से उत्तर प्रदेश के सभी एंबुलेंस कर्मचारियों ने इस संकट काल में ऐसा फैसला लियाहै। एंबुलेंस कर्मियों का कहना है कि कंपनी काम तो करवाती है, लेकिन समय पर वेतन का भुगतान नहीं करती, और सैलरी भी बहुत कम देती हैं।
आपको बता दें सूबे में बीते सोमवार शाम 6 बजे से ही एंबुलेंस सेवा ठप हो गई हैं। हड़ताल पर गए एंबुलेंस कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने ट्रेंड मजदूरों के लिए जो 11,000 की न्यूनतम मजदूरी तय की है, वो उन्हें नहीं दी जा रही है, और अगर वेतन मिलती भी है तो वो बहुत कम है।
आपको बता दें जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ का कहना है कि एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं। बीते दिनों कई बार सरकार और कंपनी के बीच सुलह समझौते हुए लेकिन कंपनी ने सरकार को दिए वादे को पूरा नहीं किया।उलट कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। ऐसे में उनके पास हड़ताल पर जाने के सिवा कोई रास्ता नहीं है।
एंबुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश भर में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने वाली 108 और 102 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से ठप हो गई है। इस संकट काल में एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल से आम जनता को परेशानी हो रही है। ऐसे में समय रहते सूबे की योगी सरकार को इस मामले में दखल देना जरूरी हो गया है।