Uttar Pradesh Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में सातों चरण के मतदान (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) समाप्त हो गए है। चुनाव की काउंटिंग से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने काउंटिंग में गड़बड़ी को लेकर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बिना सुरक्षाबलों के ईवीएम मशीनों (EVM Machines) को ले जाया जा रहा है और मशीनों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की जानकारी भी प्रत्याशियों को नहीं दी जा रही है।
Uttar Pradesh Assembly Election 2022- अखिलेश यादव ने मतगणना में गड़बड़ी का लगाया आरोप
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार शाम को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई है और अब बदलाव के लिए क्रांति करनी होगी। उन्होंने एग्जिट पोल्स में बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी को भी साजिश का हिस्सा बताया है। अखिलेश चुनवा आयोग (Akhilesh on Election Commission) के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग के अधिकारियों पर उन्हें भरोसा नहीं है।
सोमवार को विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के आखिरी दिन के मतदान के बाद न्यूज चैनलों ने एग्जिट पोल (exit polls) दिखाया था। लगभग सभी चैनलों पर उत्तर प्रदेश में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है। एग्जिट पोल के सामने आने के एक दिन बाद सपा (Samajwadi Party) सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ईवीएम पर सावल उठाए हैं। अखिलेश ने प्रेस क़ॉन्फ्रेंस कर सवाल किया कि ‘क्या वजह है कि बिना सुरक्षाबलों के ईवीएम मशीनों को ले जाया जा रहा है?’
Uttar Pradesh Assembly Election 2022- एग्जिटपोल पूरी तरह से प्रोयोजित, अखिलेश यादव
साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि बिना प्रत्याशी की जानकारी के ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह कैसे ले जा सकते हैं। आखिर सुरक्षाबलों की निगरानी में ईवीएम मशीनें (EVM Machine) क्यों नहीं ले जाई जा रही हैं। इसके साथ ही अखिलेश ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपटर हुए हमले के लिए आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है? अखिलेश ने कहा कि उन्हें चुनाव आयोग के अधिकारियों पर भरोसा नहीं है।
Uttar Pradesh Assembly Election 2022- वाराणसी डीएम ने कहा मशीनों को प्रशिक्षण के लिए ले जाया जा रहा था
वहीं वाराणसी में गाड़ी में ईवीएम ले जाते वक्त पकड़ी गई मशीनों के बाद सपा के कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल किया। मामले को तूल पकड़ता देख वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज को सामने आना पड़ा। जिलाधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि इन ईवीएम मशीनें का चुनाव प्रयोग नहीं किया गया है। ब्लकी 10 मार्च को होने वाली मतगणना से पहले कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए ले जाया जा रहा था। उन्होंने समाजवादी कार्यकर्ताओं के सभी आरोपों को गलत बताया है।