UP Government order : यूपी में द्विव्यांगजनों को लोक सेवाओं में मिलेगा 4 प्रतिशत आरक्षण

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UP Government order : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने दिव्यांगजनों (handicapped persons) के लिए बड़ा फैसला किया है। जिसके तहत अब उत्तर प्रदेश लोक सेवाओं में दिव्यांगजनों को 21 श्रेणियों में 4 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। इसके लिए सरकार नए सिरे से शासनादेश (UP Government order) जारी करेगी। बुधवार को यूपी मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

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UP Government order दिव्यांगजनों को मिलेगा 4 प्रतिशत आरक्षण

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्नथा सिंह ने इस फैसले की (UP Government order ) जानकारी देते हुए बताया कि 1996 में राज्य में दिव्यांगजनों के लिए 7 श्रेणियां बनाई गई थी जिसे 2016 में बढ़ाकर 21 कर दिया गया। 1996 में सभी विभागों में दिव्यांगजनों को 3 प्रतिशत आरक्षण मिलता था जिसे 2016 में बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया।

UP Government order दिव्यांगजनों की 7 श्रेणियां बढ़ाकर 21 की गई

राज्य सरकार ने 2019 में सीधे आरक्षण के प्रावधान के लिए सभी 68 विभागों में समूह क, ख, ग और घ में किस श्रेणी के कितने पद होने चाहिए, इसके लिए एक समिति बनाई। जिसकी रिपोर्ट समिति ने सौंप दी। सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह (Spokesperson Siddharthnath Singh) ने बताया कि अभी तक 2011 में जारी शासनादेश (UP Government order ) के अनुसार 7 श्रेणियों में ही आरक्षण की व्यवस्था थी। इस लिए पीएम मोदी की उम्मीद के अनुरूप दिव्यांगजनों को लाभ नहीं मिल पा रहा था। इस लिए दिव्यांगताएं सात प्रकार से बढ़ाकर 21 प्रकार की कर दी गई हैं।

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नव परिभाषित दिव्यांगजनों (newly defined persons with disabilities) में एसिड हमला पीड़ित, मानसिक अस्वस्थता, चलन दिव्यांगता, रोगमुक्त कुष्ठ, अंध और निम्न दृष्टि, बधिर और श्रवण शक्ति में ह्रास, जिसके अंतर्गत प्रमस्तिष्क घात, बौनापन, बौद्विक दिव्यांगता, विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता और जैसी दिव्यांगताओं को लोक सेवा में आरक्षण का लाभ प्रदान किये जाने हेतु समिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका शासनादेश जारी कर दिया जाएगा

इन दिव्यांगजनों को मिलेगा लाभ

  • बधिर और श्रवण शक्ति में ह्रास
  • अंध व निम्न दृष्टि
  • स्वपरायणता, बौद्धिक व विशिष्ट अधिगमदिव्यांगता और मानसिक अस्स्थता
  • चलन दिव्यांगता जिसके तहत प्रमस्तिष्क घात, रोगमुक्त कुष्ठ, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित और पेशीय दुष्पोषण

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