यूपी: स्कूल-कॉलेजों में अभी शुरू नहीं होगी पढ़ाई, जानिए, किन छात्रों को मिलेगी अनुमति

लखनऊ: हर रोज कोरोना संक्रमित मरीजों (Corona infected patients) की संख्या बढ़ती ही जा रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं को अभी न खोलने का फैसला किया गया है। जानकारी के मुताबिक अभी सिर्फ रिसर्च करने वाले स्टूडेंट्स को ही लैब आने की अनुमति दी जाएगी।

21 सितंबर से विश्वविद्यालयों की लैब (University lab) में जिन स्टूडेंट्स को रिसर्च (RESEARCH) करना है सिर्फ वहीं आ सकते हैं इसके अलावा विश्वविद्यालय और कॉलेजों में पढ़ाई नहीं होगी। वहीं माध्यमिक स्कूलों में क्लास नौवीं से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स की भी क्लासेज 30 सितंबर तक शुरू नहीं की जाएंगी। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी (Basic Education Minister Satish Dwivedi) ने कहा कि सूबे में स्कूल केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही खोले जाएंगे।

यूपी के उच्च शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसके अनुसार अभी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई शुरू करना खतरनाक हो सकता है।

सूबे में जिस तरह कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए सर्तकता बरतना जरूरी है। उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा भी स्थिति का लगातार आकलन कर रहे हैं। कोई भी ऐसा कदम उठाने से परहेज किया जा रहा है, जिससे संक्रमण बढ़ने की आशंका हो।

केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार ही खोले जाएंगे स्कूल

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि राज्य में स्कूल केंद्र सरकार की गाइडलाइन और अनुमति के अनुसार ही खोले जाएंगे। स्कूलों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

गृह मंत्रालय से जैसे ही कोई गाइडलाइन आएगी, उसका हर हाल में पालन किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में स्कूलों द्वारा अभिभावकों से फीस को लेकर उठे मुद्दे पर प्रदेश सरकार अपना नजरिया साफ तौर पर बता चुकी है।

कोई भी शिक्षण सस्थान अभिभावक पर तीन महीने की फीस एक साथ जमा करने के लिए दबाव नहीं बनाएंगे। अगर कोई ऐसा करता है तो यह गलत है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में पूरी हो चुकी है। फैसला आते ही भर्ती के लिए आवेदन प्रकिया शुरू की जाएगी।

कोरोना महामारी के बीच अपने बच्चों के लिए चितिंत अभिभावकों के लिए यूपी सरकार का यह फैसला राहत भरा साबित हुआ है।

 

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