दिल्ली: UGC ने फाइनल ईयर एग्जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। यूजीसी की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि फ़ाइनल ईयर की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित कराने का मकसद छात्रों का भविष्य संभालना है ताकि छात्रों की अगले साल की पढ़ाई में देरी न आए।
यूजीसी ने यह जवाब उस याचिका के संदर्भ में दिया है जिसमें छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि कोरोना संकट को देखते हुए फाइनल ईयर के छात्रों को भी प्रमोट किया जाए। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। माना जा रहा है कि शुक्रवार को देश की सर्वोच्च अदालत इस मामले पर फैसला दे सकती है क्योंकि अगस्त से कई विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं शुरु होने वाली हैं।
SC ने UGC से मांगा था जवाब
बता दें कि पिछली सुनवाई में विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर परीक्षा करवाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने UGC को जवाब देने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में कोरोना को लेकर छात्रों के स्वास्थ्य के मद्देनजर परीक्षा आयोजित न करने की अपील की गई है।
यह है पूरा मामला
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों और संस्थानों को 6 जुलाई, 2020 को एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें फाइनल ईयर की परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। इसी अधिसूचना का छात्र विरोध कर रहे हैं।
छात्रों का कहना है कि सीबीएसई मॉडल की तरह उन्हे भी प्रमोट किया जाना चाहिए और जो छात्र नतीजों से संतुष्ट न हों उन्हे बाद में एक और मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच यदि परीक्षाएं आयोजित होती हैं तो इससे छात्रों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा।सुप्रीम कोर्ट में देश भर के जिन 31 छात्रों ने याचिका दायर की है उनमें एक कोरोना पॉजिटिव छात्र भी शामिल है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यदि परीक्षा होती है तो यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा।