मोदी को भगवान का अवतार बताने वाला नेता, जानिए जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

जब चर्चा, भारत के राजनीति की हो और उसमें बिहार का नाम नहीं आए तो वह चर्चा बेमानी है। जब चर्चा, देश के गिने-चुने नेताओं की हो और उसमें बिहार के नेताओं का नाम ना आए तो वह चर्चा अधूरी है । जब चर्चा, देश के विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों की हो और उसमें बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र ना हो तो वह चर्चा उदासीन है ।

बिहार ने देश को कई ऐसे नेता दिए हैं जिनके इर्द-गिर्द कभी देश की राजनीति घुमा करती थी । बिहार के नेता बाबू जगजीवन राम के नाम संसद में लगातार 50 साल तक बैठने और सबसे ज्यादा दिन तक कैबिनेट मंत्री रहने का रिकॉर्ड है । बिहार के नेता लालू प्रसाद ना सिर्फ बिहार में चर्चित हैं अपितु सम्पूर्ण भारत और विदेशों में भी पहचान के मोहताज नहीं है ।

90 के दशक के दौरान जब केंद्र में गठबंधन की सरकारें बन रहीं थीं तब केंद्रीय सत्ता की एक बागडोर लालू के हाथ में भी होती थी और उसे वह बिहार से ही संचालित करते थे। एक बार लालू ने बिहार के सड़कों पर से ब्रेकर तुड़वा दिया था क्यूंकि उनसे एक ग्वाले ने आ कर कहा था कि साईकिल पर दूध ले जाते समय अगर रास्ते में ब्रेकर पड़ता है तो दूध गिर जाता है ।

आज परिदृश्य बदल गया है, राजनीति बदल गई है और नेता भी बदल गए हैं । सबकुछ बदल गया है पर एक चीज ज्यों की त्यों है वह है बिहार के नेताओं की चर्चा । वह तब भी होती है और अब भी होती है वजह चाहे जो भी हो ।

बिहार के तमाम ऐसे नेता है जो किसी न किसी वजह से हमेशा चर्चा में रहते हैं । उन्हीं नेताओं में से हम आज बात करेंगे एक ऐसे नेता की जो मोदी के कट्टर समर्थक के तौर पर जाना जाता है , जो हिन्दुओं के एक फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाना जाता है और जो अपने विवादित बयानों के चलते जाना जाता है । उस नेता का नाम है – गिरिराज सिंह । उनके विवादित बयानों के आधार पर लोगों ने उन्हें ‘पाकिस्तान का विदेश मंत्री’ का उपनाम भी दिया है क्यूंकि वह बात बात में सबको पाकिस्तान चले जाने की सलाह देते हैं । एक बार गिरिराज ने देवबंद को ‘ आतंक का गंगोत्री ‘ कहा था ।
मोदी से से गहरा संबंध

गिरिराज सिंह जब 2011 में बिहार के नितीश सरकार में मंत्री थे तब वे गुजरात जाकर मोदी का प्रचार करते थे । वे एक बार मोदी को भगवान का अवतार भी कह चुके हैं । मोदी से उनके गहरे संबंधों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक बार उन्होंने कहा था कि जो मोदी के रैली में नहीं आएगा वह देशद्रोही कहलाएगा ।

यह बात है 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले की।  मार्च में पटना के गांधी मैदान में मोदी की संकल्प रैली होने वाली थी , उससे पहले गिरिराज ने कहा कि जो इस रैली में नहीं आएगा वह देशद्रोही कहलाएगा और माना जाएगा कि वह पाकिस्तान के साथ है ।सबसे मजेदार बात यह है कि गिरिराज खुद उस रैली में नहीं पहुंचे थे । बाद में उन्होंने कारणों के रूप में स्वास्थ्य समस्यायों का हवाला दिया ।

बेगूसराय की लोकसभा सीट 2019 के चुनाव के दौरान काफी चर्चा में थी । वजह यह थी कि जेएनयू से राजनीति का ककहरा सीख कर एक युवा राजनीति के अखाड़े यानी बिहार के चुनावी दंगल में उतरा था वह भी राजनीति के एक मंझे हुए खिलाड़ी के खिलाफ ।

उस युवा का नाम था कन्हैया कुमार और वह मंझे हुए खिलाड़ी थे गिरिराज सिंह ।तब गिरिराज के राजनीतिक दांव पेंच के आगे कन्हैया की एक ना चली और वह बेगूसराय की सीट गंवा बैठे । बेगूसराय गिरिराज सिंह की ना सिर्फ कर्मभूमि है बल्कि राजनीतिक विद्यालय भी है।

वैसे गिरिराज की जन्मभूमि लखीसराय है । 8 सितंबर 1952 को जन्मे गिरिराज बेगूसराय से इतर नवादा से भी चुनावी दंगल लड़ चुके हैं । 2014 में वे वहीं से सांसद चुने गए थे । गिरिराज बिहार से लेकर केंद्र की राजनीति में पहचान के मोहताज नहीं हैं ।

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