देश ने खो दी एक होनहार बेटी, जो बदलना चाहती थी समाज की सूरत

होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी मनचलों का शिकार हो गई। लफंगे बुलेट पर सवार थे और स्कूटी पर भाई के साथ जा रही सुदीक्षा के आगे बुलेट झटके से रोक दी। स्कूटी पलटने से सुदीक्षा की दर्दनाक मौत हो गई। सुदीक्षा लॉकडाउन में अमेरिका से अपने घर लौटी थी।

परिवार वालों का आरोप है कि जब सुदीक्षा अपने भाई के साथ स्कूटी से जा रही थी तो दो बाइक सवार मनचले उसके साथ छेड़खानी कर रहे थे। हादसे में जहां सुदीक्षा की मौत हो गई तो वहीं भाई गंभीर रूप से घायल हो गया।

सवाल उठता है कि क्या यह हत्या नहीं है? बुलेट पर जाट लिखा था। कभी मार्शल कौम माने जाने वाले जाटों की नई पीढ़ी में क्या अब छिछोरे, मनचले और लफंगे पैदा हो रहे। बुलेट सवार अगर सच्चा जाट होगा तो उसे एक मेधवी निर्दोष छात्रा की मौत का गुनाह कबूल कर थाने में जाकर खुद को पुलिस के हवाले कर देना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करता तो दोषी और उसके परिवार के जाट होने पर शक है।

वैसे भी बुलंदशहर क्षेत्र में जो सच्चे जाट हैं वो फौज, खेल, शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान हासिल कर रहे। और नकली, दोगले जाट सड़कों पर राहजनी कर रहे, लड़कियां छेड रहे। अश्लील कमेंट करने वाले बुलेट पर सवार इन लफंगों की बहन के साथ ऐसा होता तब शायद उन्हें दर्द महसूस होता। या शायद न भी होता, नकली जो ठहरे। सुदीक्षा भाटी को 20 अगस्त को वापस अमेरिका लौटना था। लेकिन होनहार नरपिशाचों की भेंट चढ़ गई।

देश की बेटी जो बदलना चाहती थी समाज की सूरत

बुलंदशहर जिले में टॉप पर रही मृतक छात्रा सुदीक्षा भाटी को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कर चुके हैं सम्मानित। ग्रेटर नोएडा के डेरी स्केनर गांव की रहने वाली थी मृतक छात्रा सुदीक्षा भाटी। सुदीक्षा एक ऐसी होनहार लड़की थी। जो न सिर्फ अपनी काबिलियत के दम पर अमेरिका के कॉलेज में एडमिशन पाने में सफल रही। बल्कि वह वापस देश लौटकर समाज की सूरत भी बदलना चाहती थी।

आर्थिक तंगी में भी सुदीक्षा के हौसले थे बुलंद

सुदीक्षा अपने 6 भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। पिता चाय बेचकर किसी तरह परिवार का पेट भर पा रहे थे तो वहीं सुदीक्षा सफलता की उड़ान भरने के ख्वाब बुन रही थी परिवार की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वह अमेरिका जाकर पढ़ाई कर सकें। लेकिन कड़ी मेहनत और जज्बे के दम पर ही सुदीक्षा अमेरिका पहुंचने में कामयाबी हुईं। सुदीक्षा को अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के लिए फुल ट्यूशन फीस स्कॉलरशिप मिली थी। यह स्कॉलरशिप लगभग 3.80 करोड़ रुपए थी। सुदीक्षा बॉब्सन कॉलेज से ही एंटरप्रेन्योरशिप में ग्रेजुएशन कर रही थीं।

महिलाओं की स्थिति को बेबाकी से बयां करती थी सुदीक्षा

सुदीक्षा का दो साल पुराना यूट्यूब पर एक वीडियो है जिसमें सुदीक्षा अपनी सफलता की कहानी बयां कर रही है। इस वीडियो में सुदीक्षा बेबाकी से देश में महिलाओं की स्थिति और छेड़-छाड़ की समस्या पर अपनी राय रखती दिख रही हैं। सुदीक्षा ने अपने वीडियो में कहा था कि मैं उत्तरप्रदेश से आती हूं, जहां ईव-टीजिंग एक बड़ी समस्या है। इसलिए पैरेंट्स लड़कियों को बाहर पढ़ने के लिए भेजना सुरक्षित नहीं मानते। मेरे पिता का बहुत आभार जो उन्होंने मुझे अपने सपनों को पूरा करने की अनुमति दी

 दोस्तों ने अपनी होनहार दोस्त के लिए मांगा न्याय

घटना के 24 घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस

एक तरफ जहां सुदीक्षा का परिवार और दोस्त बुलंदशहर पुलिस से न्याय की मांग रहे हैं तो वहीं बुलंदशहर प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से क्या उम्मीद की जा सकती है जो घटना स्थल की जांच करने 24 घण्टे बाद पहुंचे। बुलंदशहर में सुदीक्षा की मौत के 24 घंटे के बाद डीएम रविंद्र कुमार प्रभारी एसएसपी अतुल श्रीवास्तव व अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। मौके पर उन्हें सुदीक्षा का चश्मा मिला लेकिन मनचलों का पता नहीं।

छेड़छाड़ को एक्सीडेंट बताने में जुटी पुलिस

पुलिस का ध्यान अपराधी को पकड़ने पर नहीं बल्की छेड़छाड़ को एक्सीडेंट बताने और सुदीक्षा के भाई को नाबालिग बताने पर अधिक है। नाबालिक भाई बाइक चला रहा था तो भी छेड़छाड़ के कारण मौत का अपराध कम नहीं होता। भाई चश्मदीद है और कांस्टेबल बाद में पहुंचा। आप तय करें कौन सच बोल रहा।

आईजी मेरठ ने कहा है कि पीड़ित परिवार को हर हाल में मिलेगा न्याय। अपराधियों को हर हाल में पकड़ा जाएगा। एसआईटी का गठन कर दिया गया है। 3 दिन में रिपोर्ट मिलते ही होगी कार्रवाई। मनचलों को जल्द पकड़ लेगी पुलिस।

इस बीच बुलंदशहर की घटना पर यूपी राज्य महिला आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान से रिपोर्ट मांगी है।

 

राजीव ओझा
वरिष्ठ पत्रकार

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