बजट से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलने की उम्मीद

कोरोना महामारी की मार झेलने के बाद से आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के लिए इस बजट में राहत के संकेत हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्र से सहायता अनुदान व कर्ज के साथ केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में करीब 2.57 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। यह चालू वित्त वर्ष की अपेक्षा 26.28 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 48,977 करोड़ रुपये अधिक राशि वाले इस बजट से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बड़ी मज़बूती मिलने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में विकास की मद में 1,13,767.70 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी। जबकि 2022-23 में 1,23,919.85 करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च के लिए प्रस्तावित है। यह राशि भी चालू वित्त वर्ष की अपेक्षा 10,152.15 करोड़ रुपये ज्यादा है।

यूपी को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी, केंद्र से सहायता अनुदान व केंद्र से कर्ज व एडवांस के रूप में सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2,08,673.77 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद की गई थी। 2022-23 में इन्हीं मदों में 2,57,651.23 करोड़ मिलने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की अपेक्षा यह 48,977.46 करोड़ रुपये अधिक है। जीएसटी, निगम कर, सीमा शुल्क, सेवा शुल्क, सेवा कर आदि को केंद्रीय करों में शामिल रखा गया हैं।

राज्य के कर व करेत्तर राजस्व को लेकर भी प्रदेश सरकार ने वृद्धि का अनुमान लगाया है। कयास किया जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष की तुलना में कर राजस्व में तकरीबन 34,310 करोड़ रुपये का इज़ाफ़ा होगा। जबकि करेत्तर राजस्व में कुछ कमी के आसार हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में करेत्तर राजस्व 25,421.67 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया था। इसे 2022-23 में घटाकर 23,406.48 करोड़ रहने की उम्मीद की जा रही है। इस घटने वाली राशि के परिणाम स्वरूप 2015.19 करोड़ रुपये की कमी होने का अनुमान है।

राज्य के राजस्व बचत की बात करें तो प्रदेश के पास न सिर्फ राजस्व खर्च पूरा करने के लिए आवश्यक राशि है बल्कि पूंजीगत कार्यों के लिए भी अतिरिक्त धन मौजूद है। वित्त वर्ष 2020-21 में राजस्व बचत 27,450.88 करोड़ रहने का अनुमान था। कोविड के आपातकाल के दिनों में बचत के ऋणात्मक (-13160.77 करोड़) रहने की उम्मीद की जा रही थी मगर राज्य केवल 2367.13 करोड़ राजस्व घाटे में रहा। वित्त वर्ष 2021-22 में राजस्व बचत 23,210.09 करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया था। 2022-23 में राजस्व बचत बढ़कर 43,123.65 करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है।

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