अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच करने आई बिहार पुलिस अब वापस पटना लौट चुकी है। अब यह मामला सीबीआई के हाथ में है।बुधवार को बिहार सरकार की सिफारिश को उच्चतम न्यायालय ने मंजूरी दे दी है।उच्चतम न्यायालय ने सुशांत को प्रतिभाशाली कलाकार बताया। कोर्ट का कहना है कि सुशांत के मौत का कारण सामने आना ही चाहिए। यह न्याय की दिशा से बेहद महत्वपूर्ण है।
14 जून को मुंबई में सुशांत की मौत हुई। जिसे आत्महत्या बताई गई थी। उसके बाद इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया।वहीं केंद्र ने मामले की जांच सीबीआई से कराने पर बिहार सरकार की सिफारिश को स्वीकृति दे दी है।
दूसरी तरफ शिवसेना ने सीबीआई जांच पर नाराजगी जताई है। राकांपा नेता नवाब मलिक ने इस याचिका पर न्याय अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाया है। वहीं जदयू का कहना है कि सीबीआई जांच होने से केस में न्याय की उम्मीद की जा सकती है।
आपको बता दें कि इस मामले पर राजनीति आईपीएस विनय तिवारी के क्वॉरेंटाइन होने से शुरू हुई थी। पटना स्पेशल पुलिस के अधिकारी विनय तिवारी पटना से मुंबई केस की जांच करने पहुंचे थे। जिन्हें बीएमसी ने 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया। जिस पर बिहार पुलिस ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस न तो सहयोग कर रही है और ना सही तरीके से जांच करने दे रही है।
मुंबई से लौटी पटना पुलिस की टीम ने बताया कि यह बेहद मुश्किल काम था लेकिन उन्होंने अपनी ट्रेनिंग के जरिए सारे एविडेंस इकट्ठे कर लिए हैं। इसके साथ ही सारे सबूतों को लेकर वह पटना आ गए हैं। टीम के लौट आने पर भी बीएमसी ने आईपीएस तिवारी को वापस लौटने नहीं दिया है। वह अभी भी क्वॉरेंटाइन हैं। जबकि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के अनुरोध पर भी आईपीएस विनय तिवारी को नहीं छोड़ा जा रहा है।