कोरोना महामारी के दौरान जब इलाज की सबसे ज्यादा जरूरत है उसी दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों की मुफ्त इलाज वाली स्वास्थ्य पुस्तिका को निरस्त कर दिया है। अब बीएचयू के छात्रों को भी बाकी सभी बाहर से आने वाले मरीजों की तरह पर्ची कटा कर इलाज कराना पड़ेगा। जिसके विरोध में छात्रों ने अपने स्वर तेज कर दिए हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर (BHU VC Rakesh Bhatnagar) से महामना के संदर्भ में दिए गए उनके ऊल-जलूल बयान के लिए माफी मांगने और नैतिक आधार पर पद से इस्तीफा देने की भी मांग की। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने नारेबाजी की जिसमें उन्होंने कहा ‘मालवीय जी का ये अपमान नहीं सहेंगे, राकेश भटनागर इस्तीफा दो’। प्रदर्शन के दौरान पुलिस भी वहाँ मौजूद थी।
बीएचयू के छात्रों में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के लिए श्रद्धा किसी से छिपी नहीं है, इसलिए कुलपति के इस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि- ‘महामना आम के पेड़ों के साथ-साथ कुछ रुपयों का पेड़ भी लगा जाते’ पर छात्र खासे नाराज हुए हैं। जिस पर छात्र चाहते हैं कुलपति माफी मांगे और नैतिक आधार पर कुलपति का पद भी छोड़ दें। छात्रों का कहना है कि इससे पहले भी इलाज हमेशा मुफ्त में होता रहा है तो इस बार ऐसा क्या है कि स्वास्थ्य पुस्तिका निरस्त कर दी गई।