नई दिल्ली : किसानों के आत्महत्या के आंकड़ों के प्रश्न के जवाब में केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर दोष मढ़कर अपना पल्ला झाड़ लिया है। सोमवार को देश के गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश किसानों की आत्महत्या का विवरण नहीं दे रहे हैं । इसीलिए कृषि क्षेत्र में आत्महत्या की वजह संबंधी आंकड़े अपुष्ट है ।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ( NCRB) ने आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या जैसे विषयों के संबंध में नवीनतम आंकड़ा जारी किया है। इन आंकड़ों के अनुसार 2019 में 10,281 किसानों ने आत्महत्या की थी जबकि 2018 में 10,357 किसानों ने आत्महत्या की थी।
केंद्रीय मंत्री ने इन आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने किसानों, उत्पादकों एवं खेतिहर मजदूरों के आत्महत्या का ‘शून्य’ आंकड़ा होने की बात कही है जबकि अन्य पेशों में कार्यरत लोगों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं की सूचना मिली है। मंत्री जी के मुताबिक ये सभी आंकड़े अपुष्ट हैं इसलिए इन्हे अलग से नहीं प्रकाशित किया जा रहा है ।