बीजेपी समेत सचिन पायलट पर शिवसेना ने ली चुटकी, बताया कच्चा खिलाड़ी

शिवसेना ने मुखपत्र सामना के संपादकीय लेख में बीजेपी समेत सचिन पायलट पर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी की यही नीति है। वह उन सरकारों को काम करने की अनुमति नहीं देते जो उनके विचारों से असहमत हैं। इसके अलावा उन्हें सचिन पायलट को कच्चा खिलाड़ी बताया।
गहलोत बाजीगर, पायलट कच्चा खिलाड़ी

शिवसेना ने सचिन पायलट को कांग्रेस से अलग न होने का कारण विधायकों के आंकड़ों में कमी बताया। उन्होंने गहलोत को बाजीगर कहते हुए कहा कि गहलोत के चक्रव्यूह को भाजपा भेद नहीं पाई। उनका कहना है कि राजस्थान की भूमि पर सरकार गिराने का तरीका काम नहीं आया। शिवसेना ने भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप भी लगाया।

शिवसेना का कहना है कि सचिन पायलट की बगावत सफल नहीं हुई। उन्हें समझाने का श्रेय प्रियंका और राहुल को जाता है। इसलिए मध्यप्रदेश में जो हुआ वह राजस्थान में नहीं दोहराया जा सका।शिवसेना ने गहलोत की तुलना में पायलट को कच्चा खिलाड़ी बताया है।

मुखपत्र के माध्यम से शिवसेना ने प्रश्न किया कि लोकतंत्र में विरोधी दल की सरकारों को नहीं चलने देने की जिद क्यों? उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के कुछ नेता यह दावा करते हैं कि महाराष्ट्र की सरकार सितंबर तक गिरा कर ही रहेंगे।

उनका कहना है कि महाराष्ट्र में अनीति सफल नहीं होगी। इसके अलावा भाजपा झारखंड की सरकार भी गिराना चाहती है। लेकिन इसके लिए उनकी तैयारियां भी पूरी नहीं है। भाजपा की नीति जी सरकार गिराने की है लेकिन राजनीतिक घमंड में कई बार सौदा चूक जाता है। ठीक वैसे ही जैसे शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं।

शिवसेना का व्यंगात्मक लहज़ा

उन्होंने भाजपा को गब्बर सिंह के खौफ की तरह तौला। राजस्थान में भाजपा का ऑपरेशन कमल फेल हुआ है। भाजपा की ऑपरेशन की जगह अशोक गहलोत ने उन्हीं का ऑपरेशन कर वापस भेज दिया है।

इसके अलावा शिवसेना ने व्यंगात्मक तरीके से भाजपा को नसीहत दी कि राजस्थान के महीने भर चलने वाला ऑपरेशन फेल हुआ है वही महाराष्ट्र में बेकार डॉक्टरों से फिर ऑपरेशन कराने की तैयारी है। उन्हें थोड़ा रुकने की जरूरत है। शिवसेना ने सतर्क भी कराया कि रुको और आगे बढ़ो, मोड़ पर खतरा है ही!

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