Self-reliant women power: केंद्र सरकार ने महिलाओं को दी बड़ी सौगात, महिला उद्यमियों के लिए 1,625 करोड़ की राशि जारी

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Self-reliant women power: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को 4 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (SHG) को 1,625 करोड़ रुपये की पूंजीकरण सहायता राशि जारी की। इसके अलावा उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries) की PMFAI  (सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का पीएम औपचारिकरण) योजना के तहत 7,500 एसएचजी सदस्यों के लिए सीड मनी के रूप में 25 करोड़ रुपये और मिशन के तहत प्रमोट किए जा रहे 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को फंड के रूप में 4.13 करोड़ रुपये जारी किए।

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Self-reliant women power: प्रधानमंत्री ने महिलाओं की 75 प्रेरणादायक कहानियों के संग्रह पर एक किताब का विमोचन किया

मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत प्रमोट किए गए महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्यों, सामुदायिक संसाधन सदस्यों के साथ संवाद किया।

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इस कार्यक्रम के दौरान देश भर में स्थित महिला एसएचजी की सदस्यों की सफलता की गाथाओं के एक संग्रह के साथ- साथ कृषि आजीविका के सार्वभौमिकरण पर एक पुस्तिका का भी विमोचन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।

Self-reliant women power: 4 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को एक बड़ी वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

इस अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में अभूतपूर्व सेवाओं के लिए महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने मास्क एवं सैनिटाइजर बनाने और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने तथा जागरूकता फैलाने में उनके अद्वितीय योगदान को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं में उद्यमिता का दायरा बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में उनकी और अधिक भागीदारी के लिए रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर आज 4 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को एक बड़ी वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों और दीन दयाल अंत्योदय योजना से ग्रामीण भारत में एक नई क्रांति आई है। मोदी ने कहा कि पिछले 6-7 वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों का यह आंदोलन तेज हुआ है।

Self-reliant women power: 42 करोड़ से अधिक जन धन खाता, 55 प्रतिशत खाते महिलाओं के

प्रधानमंत्री ने इस सरकार से पहले के समय को याद किया जब करोड़ों बहनों के पास बैंक खाता नहीं होता था और वे बैंकिंग प्रणाली से कोसों दूर थीं। उन्होंने कहा कि इसी वजह से इस सरकार ने जन धन खाते खोलने का व्यापक अभियान शुरू किया है। उन्होंने आगे कहा कि आज 42 करोड़ से अधिक जन धन खाते हैं, जिनमें से करीब 55 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।उन्होंने कहा कि बैंकों से कर्ज लेना आसान बनाने के लिए ये बैंक खाते खोले गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सरकार ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बहनों की जितनी मदद की है, वह पिछली सरकार से कई गुना ज्यादा है। स्वयं सहायता समूहों को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का असुरक्षित ऋण भी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 7 वर्षों में स्वयं सहायता समूहों ने बैंकों को ऋण चुकाने की दिशा में भी अच्छा काम किया है। एक समय था जब लगभग 9 प्रतिशत बैंक ऋण गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए)बन गए थे। अब यह घटकर 2-3 प्रतिशत पर आ गया है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की ईमानदारी की सराहना की।

Self-reliant women power: अब स्वयं सहायता समूहों को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध

प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब स्वयं सहायता समूहों को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराने की सीमा को दोगुना करते हुए 20 लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपके बचत खातों को ऋण खाते से जोड़ने की शर्त को भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई प्रयासों से अब आप आत्मनिर्भरता के अभियान में और अधिक उत्साह के साथ आगे बढ़ सकेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि और कृषि आधारित उद्योगों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के लिए अनंत संभावनाएं हैं। मोदी ने कहा कि एक विशेष फंड बनाया गया है। स्वयं सहायता समूह भी इस फंड से मदद लेकर कृषि आधारित सुविधाओं का निर्माण कर सकेंगे। स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाएं उचित दर निर्धारित करके इन सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं और दूसरों को किराए पर भी दे सकती हैं।

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