Sawan Shiv Upasana:  क्यों सावन के महीने में शिव उपासना का है इतना महत्व? जानिए- शिव उपासना के क्या हैं मंत्र

Sawan Shiv Upasana

Sawan Shiv Upasana: मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी भगवान की पूजा, भक्ति और व्रत किये जाते हैं। इस क्रम में सोमवार (monday) का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है। वैसे तो माना जाता है कि शिवजी की भक्ति कभी भी की जाए वो शुभ ही होती है। सच्चे मन से उनकी पूजा की जाए तो शिव अपने भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न हो जाते है, लेकिन शिव भक्ति के लिए सावन का महीना (month of sawan) सबसे खास माना जाता है। मान्यता है कि सावन महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। तो चलिए जानते हैं कि सावन के महीने में शिव पूजना का इतना महत्व क्यों है।

Sawan Shiv Upasana

Sawan Shiv Upasana: सावन में भोले शंकर ने किया था विषपान

पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन सावन मास में हुआ था। इस मंथन से विष निकला तो चारों तरफ हाहाकार मच गया। संसार की रक्षा करने के लिए भगवान शिव ने विष को कंठ में धारण कर लिया। विष की वजह से कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ कहलाए। विष का प्रभाव कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने भगवान शिव को जल ​अर्पित किया, जिससे उन्हें राहत मिली। इससे वे प्रसन्न हुए। तभी से हर वर्ष सावन मास में भगवान शिव को जल अर्पित करने या उनका जलाभिषेक करने की परंपरा बन गई।

Sawan Shiv Upasana:  शिव उपासना से मिलने वाला शुभ फल

  •  श्रावण मास में शिव की पूजा क्यों करनी चाहिए। शिव की उपासना और व्रत रखने से क्या-क्या फल मिलते हैं, आइए जानते हैं
  • श्रावण के पावन माह में शिवलिंग को स्थापित करने से व्यवसाय में वृद्धि और नौकरी में तरक्की होती है।
  • श्रावण माह में सोमवार के दिन स्फटिक शिवलिंग को शुद्ध गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान करवाकर धूप-दीप जलाकर मंत्र का जाप करने से समस्त बाधाओं का नाश होता है।
  • श्रावण मास में सामान्य शिव उपासना से भी मनोवांछित फल मिल सकता है अगर मन शुद्ध और आचरण पवित्र हो।
  • इस मास में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती दोनों ही शुभ आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
  • शिव जी का पूरा परिवार, गण और अवतार इस मास में प्रसन्न मुद्रा में वरदान देते हैं अत: इस मास का पूरा लाभ उठाया जाना चाहिए।
  •  बीमारी से परेशान होने पर और प्राणों की रक्षा के लिए इस मास में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। याद रहे, महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से ही करें। मंत्र दिखने में जरूर छोटा दिखाई देता है, किंतु प्रभाव में अत्यंत चमत्कारी है।

Sawan Shiv Upasana:  शिव उपासना के मंत्र

संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ

 

Sawan Shiv Upasana:  शिव उपसना के अन्य सरल और फलदायी

मंत्र

ॐ नमः शिवाय
 ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ॐ।

 

महिलाएं सुख-सौभाग्य के लिए भगवान शिव की पूजा करके दुग्ध की धारा से अभिषेक करते हुए निम्न मंत्र का उच्चारण करें।

मंत्र : – ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ।

लक्ष्मी अपने श्री स्वरूप में अखंड रूप से केवल भगवान शिव की कृपा से ही जीवन में प्रकट हो सकती हैं। अखंड लक्ष्मी प्राप्ति हेतु निम्न मंत्र की दस माला का जाप करें।

 ॐ श्रीं ऐं ॐ।

सच्चे मन, पूर्ण लगन और भक्ति भाव ने शिव की उपासना की जाए तो फिर वो सावन का महीना हो या फिर सामान्य दिन, शिव अपने की मनोकामना जरूर पूरी करते हैं।

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(सचिन पांडे, पुजारी श्री श्री बाबा भक्तेश्वर नाथ शिव मंदिर भगवान भोलेनाथ , शीतला माता , राधे कृष्ण भगवान , राम परिवार , हनुमत लाल , नवग्रह देवता पुजारी,  कदमा जमशेदपुर, झारखंड, मोबाइल नंबर :- 8825134831)

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