प्रयागराज: दिवंगत अभिनेता (Late actor) सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत की जांच की जिम्मेदारी CBI को सौंपने के बाद अब संतों ने भी पालघर भीड़ हिंसा (Palghar mob violence) के मामले की जांच CBI से कराए जाने की मांग की है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) ने कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने के सुप्रीम कोर्ट (SC) के फैसले ने मुंबई पुलिस को गैरजिम्मेदार साबित कर दिया है।
एबीएपी ने मांग की है कि 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं (Two sages) के साथ हुई भीड़ हिंसा (mob violence) की जांच भी CBI से कराई जाए।
परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) ने कहा, “एबीएपी 26 अगस्त को हरिद्वार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने जा रहा है जिसमें अगले साल कुंभ की तैयारियों पर चर्चा करने के अलावा पालघर में हुई हत्याओं की सीबीआई जांच के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो अखाड़ा परिषद द्वारा कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।”
बता दें कि 16 अप्रैल की रात को देशव्यापी लॉकडाउन के बीच दो साधू एक कार में सवार होकर ड्राइवर संग मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इस बीच गडचिनचाइल गांव में एक भीड़ ने पुलिस टीम की मौजूदगी में उन पर हमला किया और बेहद ही बर्बरता के साथ उनकी हत्या कर दी गई।
कल्पवृक्ष गिरि महाराज और सुशील गिरि महाराज संग उनके ड्राइवर नीलेश यालगडे को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और पुलिस कथित तौर पर मूक दर्शक बनी रही।
नरेंद्र गिरि ने कहा, “प्रस्ताव पारित करने के बाद अखाड़ा परिषद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हत्याओं की सीबीआई जांच की मांग करेगा।”