सड़क की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गया युवा साहित्यकार

झारखंड – साल 2016 में अपने उपन्यास ‘डार्क हॉर्स’ एक अनकही दास्तां (Dark Horse)के लिए युवा साहित्य अकैडमी पुरस्कार (Sahitya Academy award) पाने वाले लेखक, कवि, सामाजिक कार्यकर्ता नीलोत्पल मृणाल (Nilotpal Mrinal) अब अपनी सरकार के खिलाफ अपने क्षेत्र में आए दिन होने वाले सड़क हादसों को लेकर 48 घंटे की एकल भूख हड़ताल (hunger strike) में बैठ गए हैं।

नीलोत्पल मृणाल (Nilotpal Mrinal) ने झारखंड (Jharkhand) की उपराजधानी दुमका (Dumka) के संताल परगना (Santal Division) में बासुकिनाथ- नोनीहाट (Basukinath-Nonihat) मुख्य मार्ग पर विशनपुर (Vishanpur)के पास टेंट लगाकर अपनी भूख हड़ताल शुरू की है जहां पर धीरे-धीरे उनके साथ कई अन्य लोग भी जुड़ने लगे हैं।

पिछले दिनों कई हादसे

नीलोत्पल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स में बताया कि जिस सड़क के लिए वह आंदोलन कर रहे हैं उस सड़क पर गाड़ी से तो दूर की बात पैदल चलना भी आसान काम नहीं है। पिछले दिनों ही वहां एक घटना हुई थी जब भारी-भरकम ओवरलोडेड ट्रक एक कार पर पलट गया था और 6 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।

नीलोत्पल के पास रखी तख्ती पर उन्होंने लिखा है ‘हेमंत है, हिम्मत है, पर सड़क कहां है’। ये इशारा उनका रोज होते हादसों की तरफ है जहां अवैध बालू और गिट्टी से ओवरलोड ट्रकों की वजह से सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और कुछ ही महीनों के अंदर कई सारे घरों ने अपने चिराग खो दिए हैं।

गुरुवार 10 सितंबर को जब नीलोत्पल मृणाल ने एकल भूख हड़ताल शुरू की उसके कुछ ही देर बाद वहां इसी तरह का एक और हादसा हो गया। जिसमें एक ओवरलोडेड ट्रक सड़क पर पलट गया। हादसा ठीक उस जगह हुआ जहां नीलोत्पल अपनी मांगों के लिए भूख हड़ताल करने बैठे हैं। नीलोत्पल मृणाल ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया पर दी है।

नीलोत्पल मृणाल की मुख्य मांगे

1- पिछले 6 माह में आसपास की सड़कों के हादसों में जान गवाने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजा मिले।

2- संताल परगना की सभी जर्जर सड़कें ठीक कराए जाएं।

3- बालू ,पत्थर, गिट्टी से ओवरलोड ट्रकों पर रोक लगाई जाए।

4- मयूराक्षी नदी पर सिरसा गांव के निकट बने पुल का जल्द से जल्द जीर्णोद्धार हो।

5 – भुरभुरी पुल और विजयपुर पुल की मरम्मत कराई जाए।

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