राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में लालू प्रसाद यादव (Lalu prasad Yadav) के सबसे करीबी और बिहार के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh prasad Singh)का रविवार को 74 वर्ष के उम्र में निधन हो गया । कुछ दिन पहले रघुवंश कोरोना संक्रमित पाए गए थे । कोरोना से उबरने के बाद रघुवंश फेफड़े की बीमारी से ग्रसित हो गए। इस बीमारी के इलाज के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई ।
आपको बता दें कि 10 सितंबर को ही रघुवंश प्रसाद ने लालू यादव को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दिया था । हालांकि इस इस्तीफे को लालू यादव ने स्वीकार नहीं किया था ।
रघुवंश प्रसाद सिंह काफी समय से पार्टी से नाराज़ चल रहे थे । लालू के जेल जाने के बाद वे पार्टी के युवा नेताओं के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहे थे। पिछले महीने लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सांसद रामा सिंह (Rama Singh )के राजद में एंट्री को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था। प्रसाद उनके पार्टी में आने की खबर से हताहत थे और नाराज होकर उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था । उसी समय से ही चर्चा थी कि रघुवंश जल्द ही पार्टी छोड़ देंगे । पार्टी के इतने बड़े नेता के नाराजगी और पार्टी छोड़ चले जाने के प्रश्न पर लालू के बेटे तेज प्रताप (Tej Pratap) ने कहा था कि पार्टी समुद्र होता है और उसमें से एक लोटा पानी निकलने से कोई फर्क नहीं पड़ता । इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था । बाद में लालू ने भी अपने बेटे को इस बात के लिए फटकार लगाई थी ।