अपने श्रीराम के स्वागत में रोशनी से जगमगा उठी रामनगरी अयोध्या

अयोध्या: श्रीराम के स्वागत में रामनगरी अयोध्या रोशनी से जगमगा उठी। रामनगरी (अयोध्या) के आंगन से बहती देश की पंच नदियों में से एक, पतित-पावनी सरयू। जिसमे झिलमिल करते दीपकों से रौशन घाट और आसमान के चांद-सितारों का सरयू में प्रतिबिम्ब। कुल मिला कर यही अहसास हो रहा था मानो अपने राम के स्वागत में सितारे भी जमी पर उतर आए हों। कुछ ऐसा ही अहसास था दीपोत्सव 2020 में राम की नगरी अयोध्या का।

सिर्फ अयोध्या ही क्यों पूरी दुनिया के करोड़ों रामभक्तों ने भी वर्चुअल रूप से खुद को इस दीपोत्सव से जोड़ कर त्रेता युग के उस आनंद का अहसास किया जो उस समय अवध के लोगों ने किया था, जब उनके अपने राम मय सीता और लक्ष्मण वनवास के बाद कौशलपुरी (अयोध्या) लौटे थे।

अयोध्या में दीपोत्सव का यह चौथा साल था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से निजी लगाव के नाते हर दीपोत्सव अपने में खास रहा, इस बार तो और भी। इसकी वजह भी रही। करीब पांच दशक बाद वह अवसर आया था जब पहली बार राम जन्मभूमि पर भी खुशियों के दीपक जले।

इस शुभ घड़ी के लिए न जाने कितने साधु-संतों ने कुर्बानी दी। कितने लोग इस सपने को संजोए हुए ब्रह्मलीन हो गए। ऐसे में इस खास मौके के नाते सरकार ने इसे खास बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। रही-सही कसर अपने आराध्य के स्वागत में लोगों की वर्चुअल सहभागिता ने पूरी कर दी।

इस दीपोत्सव में वह सब कुछ था जो राम के वनवास से लौटने पर त्रेता युग में था। पुष्पक विमान (हेलीकॉप्टर) से राम का आगमन चौधरी चरण सिंह घाट पर होता है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य लोगों के साथ भाव विह्वल भरत भाई शत्रुघ्न और प्रजा के साथ राम का स्वागत करते हैं।

दूसरे हेलीकॉप्टर से लगातार पुष्प वर्षा होती है। वहां से श्रीराम सुसज्जित रथ से मुख्य कार्यक्रम स्थल पर आते हैं। वैदिक मंत्रोच्चार और मंगलाचरण के बीच उनका राज्याभिषेक होता है।

सरयू के रामघाट पर सरयू की आरती के बाद वैदिक मंत्रों के बीच 5.84 लाख 572 दीपों के जलाने का रिकॉर्ड बनता है। साथ ही अगले साल 7.51 लाख दीपों के जलाने की घोषणा भी।

इस अवसर पर साकेत विश्वविद्यालय और पोस्ट ऑफिस विभाग की ओर से दिव्य दीपोत्सव का कवर भी जारी किया गया। भविष्य के अयोध्या को केंद्र में रखकर सूचना विभाग की ओर से एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।

इसके पहले साकेत महाविद्यालय से रामकथा पार्क तक रामायण की थीम पर निकली झांकियों ने राम के पूरे चरित्र को जीवंत कर दिया।

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