रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाएगा। इस बार यह पर्व 3 अगस्त दिन सोमवार को पड़ रहा है।
इस पर्व को कई नामों से जाना जाता है, जैसे- राखी, श्रावणी, सावनी, और सलूनों। 3 अगस्त को श्रावण मास का अंतिम सोमवार भी है। श्रावण मास के अंतिम सोमवार में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाएगी। पंचांग के अनुसार इस दिन पूर्णिमा की तिथि है…और ये महायोग सालों बाद बन रहा है। रक्षाबंधन के पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का विशेष शुभ योग का निर्माण हो रहा है।
इस दिन सुबह 8:00 बज कर 29 मिनट तक भद्रा है। अतः इसके पहले रक्षा सूत्र को नहीं बांधना चाहिए। यह त्योहार श्रावण नक्षत्र में विशेष शुभ होता है। जो सोमवार की सुबह 7:34 से लग रहा है और पूरे दिन रहेगा।
रक्षा सूत्र को बंधवाते समय मुख पूर्व दिशा में हो क्योंकि चंद्रमा मकर राशि में है । इस आधार पर पूर्ण शुभ समय सुबह 8:29 से ही प्रारंभ हो जाएगा और शाम 8:21 तक पूर्णिमा तिथि है, तब तक रक्षाबंधन मनाया जा सकता है अगर कुछ और विशेष मुहूर्त की बात की जाए तो अभिजीत मुहूर्त दोपहर में लगभग 11:40 से 12:34 तक रहेगा। ऐसे तो भद्रा सुबह 08:29 बजे समाप्त होने के बाद रात 8:39 तक यह त्योहार मनाया जा सकता है।