8 सांसदों के निलंबन के बाद विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही 3 बार स्थगित

नई दिल्ली : विपक्ष ने सोमवार को अपने सदस्यों के निलंबन के बाद हंगामा कर राज्यसभा की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करने के लिए मजबूर कर दिया। उच्च सदन को पहले सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। जब कार्यवाही शुरू हुई तो निलंबित हुए विपक्षी सांसद संदन में ही डटे रहे और सभी सांसदों ने सदन से बाहर जाने से मना कर दिया और नारेबाजी करने लगे। जिसके कारण इसे सुबह 10.36 बजे तक के लिए फिर स्थगित कर दिया गया।

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही आठ सांसदों को निलंबित कर दिया। ये सासंद तृणमूल, कांग्रेस, माकपा और आम आदमी पार्टी के हैं। इन पर रविवार को संसद में हंगामा करने और राज्यसभा की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप है।

इस प्रस्ताव को संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने आगे बढ़ाया और सदन ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा, नासिर हुसैन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और के.के. रागेश और माकपा के ई. करीम को निलंबित कर दिया।

राज्यसभा में ध्वनि मत से प्रस्ताव मंजूर किए जाने के बाद सदस्यों ने नारेबाजी की।

इससे पहले, सभापति नायडू ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘निंदनीय’ है। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

नायडू ने उप सभापति का बचाव किया और कहा कि उपसभापति ने नियम का पालन किया है।

 

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