विरोध को दरकिनार कर राष्ट्रपति ने दी कृषि बिल को मंजूरी

कोरोना काल में आयोजित संसद के मॉनसून सत्र के बीच किसी कार्यवाही की सबसे अधिक विरोध और चर्चा हुई तो वह कृषि बिल (Agriculture Bill) था। इस संबंध में तमाम सारे विरोध को दरकिनार कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने कृषि बिल को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक कोरोना काल में 5 जून को घोषित तीन अध्यादेश की जगह लेंगे।

आपको बता दें कि इन बिलों का विरोध विपक्ष के अलावा देश के तमाम सारे हिस्सों में भी देखने मिल रहा है। इस संबंध में बीते बुधवार को विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए गुलाम नबी आजाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले थे। वहीं इस बिल को लेकर ही कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दिया और एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल ने अपना समर्थन वापस ले लिया।

इसके अलावा रविवार को राष्ट्रपति के द्वारा मंजूरी मिलने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में भी इस बिल की चर्चा की थी। उनका कहना था कि इस बिल से किसानों को अपने ऊपर देश में कहीं भी बेचने की आजादी मिली है। वहीं प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में भी कृषि के क्षेत्र में दमखम दिखाने के लिए किसानों की सराहना की।

पीएम ने कहा कि जमीन से जो जितना जुड़ा होता है, वह बड़े से बड़े तूफान में भी उतना अडिग रहता है। इस काल में हमारे किसान इसका जीवंत उदाहरण है। इसके साथ ही उन्होंने कृषि को आधुनिकरण से सजाने की भी सलाह दी। इसके लिए उन्होंने कई सारे उदाहरण भी पेश किए।

आपको बता दें कि कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को राष्ट्रपति द्वारा रविवार की शाम मंजूरी दे दी गई है। अब देखना यह होगा किविपक्ष और विरोध में उतरे किसानों की इस पर क्या प्रतिक्रिया होती है।

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