स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राष्ट्र के नाम संदेश आया। राष्ट्रपति ने 74 में स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए उत्सव के फीकापन पर भी दृष्टि डाली। माननीय राष्ट्रपति के संबोधन में भारत-चीन विवाद, कोरोना वॉरियर्स की चर्चा, राम मंदिर का गौरवपूर्ण भूमि पूजन और विकास योजनाओं की झलक दिखी।
राष्ट्रपति ने कहा कि हर बार की तरह इस बार उत्सव में वह धूमधाम नहीं होगी। जिसके कारण से हम सब पहले से ही अवगत हैं। इसके पीछे उन्होंने उत्सवों में भीड़ भाड़ न करने का सुझाव भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने भारत के पड़ोसी देश चीन को संदेश भी पहुंचाया।
जवाब नहीं सवाल पूछेगा भारत
उन्होंने चीन का नाम लिए बगैर संकेत करते हुए कहा कि जो भी देश अशांति उत्पन्न करेगा उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। जब विश्व की सबसे बड़ी चुनौती के सामने एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है ऐसे समय में हमारा पड़ोसी देश विस्तार वादी गतिविधियों को अंजाम देने का दुस्साहस कर रहा है।चीन की चालबाजी में हमारे जवानों ने अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए इन को देखते हुए अगर कोई भी गलत करने की कोशिश करेगा तो भारत उससे जवाब नहीं सीधा सवाल पूछेगा।
गौरवपूर्ण अनुभूति था भूमि पूजन
इसके अलावा माननीय राष्ट्रपति ने राम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में 10 दिन पहले हुए भव्य भूमि पूजन से देश को गौरव की अनुभूति हुई है।
इसके अलावा राष्ट्रपति कोविंद ने कोरोना वॉरियर्स के तौर पर काम कर रहे डॉक्टर, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों का ऋणी बताया। उनका कहना था कि देश इन जवानों का कर्जदार है।
कोरोना की बेहतर स्थिति
इसके अलावा रुको माननीय राष्ट्रपति ने भारत के कोविड-19 महामारी से निपटने की गाथा पर भी ध्यान दिया। उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा कि विश्व जिस महामारी से लड़ने में अस्त व्यस्त है। ऐसे में भारत को बड़ी संख्या में लोगों के जीवन की रक्षा करने में सफलता प्राप्त हुई है। भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में इस तरह की परिस्थितियों मैं चुनौती का सामना करना बेहद कठिन है। जिसमें भारत सफलतापूर्वक उबर रहा है।
महामारी काल में विकास योजनाएं
महामारी काल पर चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने उससे जुड़ी विकास योजनाओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुश्किल में पड़े लोगों के लिए सरकारी मदद मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 सबसे कठोर प्रहार रोजाना कमाने वाले गरीबों पर किया है।
उनका कहना था कि सरकार ने जन कल्याणकारी कदम उठाकर उन लोगों के लिए एक सकारात्मक प्रयास किया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से महामारी के दौरान आजीविका गवाने वाले लोगों को राहत मिलेगी।
कोरोना महामारी के अलावा प्राकृतिक आपदाओं पर भी उन्होंने ध्यान दिया। बीते दिनों में पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में आए अम्फान तूफान से हुई तबाही पर भी बात की। उन्होंने कहा कि देश ने एकजुट होकर प्रयास किया जिससे मदद मिली।
स्वाधीनता सेनानियों पर की बात
देश के 74 में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना लाजमी था। राष्ट्रपति ने भी उन्हें याद करते हुए कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि महात्मा गांधी हमारे स्वाधीनता आंदोलन के मार्गदर्शक रहे हैं। गांधी जी का स्वरूप एक संत और राजनेता के रूप में दिखाई देता है। उनका कहना था कि स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता से याद करते हैं। उनके बलिदान के बल पर ही हम सब आज स्वाधीन देश के निवासी हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने इस संदेश का अंत उन्होंने समस्त देशवासियों को 74 वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाओं के साथ किया।