नई शिक्षा नीति (New Education Policy) पर सोमवार की सुबह राष्ट्रपति और पीएम हुए गवर्नर कॉन्फ्रेंस में शामिल।इस दौरान कई राज्यपाल समेत राज्यों के शिक्षा मंत्री, विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल रहें।इस सम्मेलन में शामिल होने की जानकारी पीएम ने ट्वीट (Tweet) कर साझा की।उन्होंने कहा कि सोमवार की सुबह 10.30 बजे वह नई शिक्षा नीति पर आयोजित गवर्नर कॉन्फ्रेंस में शिरकत करेंगे।
इस governor conference में पीएम ने कहा कि Education Policy में सरकार का कम से कम दखल होना चाहिए। यह नीति देश की है और देश के लिए है। नीति बनाने में लाखों बच्चे,शिक्षक और अभिभावक भी शामिल हैं।इसमें सभी के सुझाव को ध्यान में रखा गया है। इसलिए आज यह नीति अपनी लग रही है।अब इसपर संवाद हो रहा है क्योंकि इससे 21 वीं सदी के भारत का निर्माण होना है।
PM Modi ने अपने संबोधन में कहा कि आज दुनिया में रोजगार को लेकर चिंता बढ़ रही है।इस समय में नई शिक्षा नीति ज्ञान के साथ कौशल भी तैयार करेगी। जिससे कि नए और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो सके। अब बच्चे कोई भी स्ट्रीम ले और छोड़ सकते हैं। साथ ही उन्हें बैग और बोर्ड एग्जाम में ही सिमट कर नहीं रहना पड़ेगा।उनके पास मौके बढ़ेंगे।
आपको बता दें कि 34 साल के बाद देश की शिक्षा नीति में बदलाव हो रहा है। जिससे कि लंबे समय से तैयार किया जा रहा था। जिसको कुछ समय पहले ही सरकार ने मंजूरी दे दी थी।
पीएम के उद्बोधन के मुख्य बिंदु:
देश में बढ़िया कैंपस तैयार करने की योजना। जिससे बाहर जाकर पढ़ाई करने की कोशिशें होंगी कम।
ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा।
विदेश नीति की तरह ही शिक्षा नीति। सरकार की नहीं बल्कि देश के लिए है।
पढ़ने के बजाय सीखने पर फोकस करेगी नई शिक्षा नीति।
प्रैक्टिकल नॉलेज पर दिया जाएगा ध्यान। जिससे कि सीखने पर होगा फोकस।